आपका स्वागत "एक्टिवे लाइफ" परिवार में..........

आपका एक्टिवे लाइफ में स्वागत है

* आपका एक्टिवे लाइफ में स्वागत है * "वन्दे मातरम्" आपके सुझाव और संदेश मुझे प्रोत्साहित करते है! आप अपना सुझाव या टिप्पणि दे!* मित्रो...गौ माता की करूँ पुकार सुनिए और कम से कम 20 लोगो तक यह करूँ पुकार पहुँचाईए* गौ ह्त्या के चंद कारण और हमारे जीवन में भूमिका....

रविवार, अगस्त 14

तुम मुझे गाय दो, मैं तुम्हे भारत दूंगा

"इनका ख़याल रखिये"

            !!मित्रों शीर्षक पढ़कर चौंकिए मत!! 
(स्वतंत्रता दिवस पर विशेष )
          मैं कोई नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जैसा नारा लगाकर उनके समकक्ष बनने का प्रयास नहीं कर रहा| उनके समकक्ष बनना तो दूर यदि उनके अभियान का योद्धा मात्र भी बन सका तो स्वयं को भाग्यशाली समझूंगा|
अभी जो शीर्षक मैंने दिया, वह एक अटल सत्य है| यदि भारत निर्माण करना है तो गाय को बचाना होगा| एक भारतीय गाय ही काफी है सम्पूर्ण भारत की अर्थव्यवस्था चलाने के लिए| किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी की आवश्यकता ही नहीं है| ये कम्पनियां भारत बनाने नहीं, भारत को लूटने आई हैं|

            खैर अब मुद्दे पर आते हैं| मैं कह रहा था कि मुझे भारत निर्माण के लिए केवल भारतीय गाय चाहिए| यदि गायों का कत्लेआम भारत में रोक दिया जाए तो यह देश स्वत: ही उन्नति की ओर अग्रसर होने लगेगा| मैं दावे के साथ कहता हूँ कि केवल दस वर्ष का समय चाहिए| दस वर्ष पश्चात भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे ऊपर होगी| आज की सभी तथाकथित महाशक्तियां भारत के आगे घुटने टेके खड़ी होंगी|

सबसे पहले तो हम यह जानते ही हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है|
कृषि ही भारत की आय का मुख्य स्त्रोत है| ऐसी अवस्था में किसान ही भारत की रीढ़ की हड्डी समझा जाना चाहिए| और गाय किसान की सबसे अच्छी साथी है| गाय के बिना किसान व भारतीय कृषि अधूरी है| किन्तु वर्तमान परिस्थितियों में किसान व गाय दोनों की स्थिति हमारे भारतीय समाज में दयनीय है|

एक समय वह भी था जब भारतीय किसान कृषि के क्षेत्र में पूरे विश्व में सर्वोपरि था| इसका कारण केवल गाय है|  भारतीय गाय के गोबर से बनी खाद ही कृषि के लिए सबसे उपयुक्त साधन है| गाय का गोबर किसान के लिए भगवान् द्वारा प्रदत एक वरदान है| खेती के लिए भारतीय गाय का गोबर अमृत है| इसी अमृत के कारण भारत भूमि सहस्त्रों वर्षों से सोना उगलती आ रही है|

किन्तु हरित क्रान्ति के नाम पर सन १९६० से १९८५ तक रासायनिक खेती द्वारा भारतीय कृषि को नष्ट कर दिया गया| हरित क्रान्ति की शुरुआत भारत की खेती को उन्नत व उत्तम बनाने के लिए की गयी थी| किन्तु इसे शुरू करने वाले आज किस निष्कर्ष तक पहुंचे होंगे?
रासायनिक खेती ने धरती की उर्वरता शक्ति को घटा कर इसे बाँझ बना दिया| साथ ही साथ इसके द्वारा प्राप्त फसलों के सेवन से शरीर न केवल कई जटिल बिमारियों की चपेट में आया बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घटी है|
वहीँ दूसरी ओर गाय के गोबर से बनी खाद से हमारे देश में हज़ारों वर्षों से खेती हो रही थी| इसका परिणाम तो आप भी जानते ही होंगे| किन्तु पिछले कुछ दशकों में ही हमने अपनी भारत माँ को रासायनिक खेती द्वारा बाँझ बना डाला|

इसी प्रकार खेतों में कीटनाशक के रूप में भी गोबर व गौ मूत्र के उपयोग से उत्तम परिणाम वर्षों से प्राप्त किये जाते रहे| गाय के गोबर में गौ मूत्र, नीम, धतुरा, आक आदि के पत्तों को मिलाकर बनाए गए कीटनाशक द्वारा खेतों को किसी भी प्रकार के कीड़ों से बचाया जा सकता है| वर्षों से हमारे भारतीय किसान यही करते आए हैं| किन्तु आज का किसान तो बेचारा रासायनिक कीटनाशक का छिडकाव करते हुए स्वयं ही अपने प्राण गँवा देता है| कई बार किसान कीटनाशकों की चपेट में आकर मर जाते हैं| ज़रा सोचिये कि जब ये कीटनाशक इतने खतरनाक हैं तो पिछले कई दशकों से हमारी धरती इन्हें कैसे झेल रही होगी? और इन कीटनाशकों से पैदा हुई फसलें जब भोजन के रूप में हमारी थाली में आती हैं तो क्या हाल करती होंगी हमारा?

केवल चालीस करोड़ गौवंश के गोबर व मूत्र से भारत में चौरासी लाख एकड़ भूमि को उपजाऊ बनाया जा सकता है| किन्तु रासायनिक खेती के कारण आज भारत में १९० लाख किलो गोबर के लाभ से हम भारतवासी वंचित हो रहे हैं|


किसी भी खेत की जुताई करते समय चार से पांच इंच की जुताई के लिए बैलों द्वारा अधिकतम पांच होर्स पावर शक्ति की आवश्यकता होती है| किन्तु वहीँ ट्रैक्टर द्वारा इसी जुताई में ४० से ५० होर्स पावर के ट्रैक्टर की आवश्यकता होती है| अब ट्रैक्टर व बैल की कीमत के अंतर को बहुत सरलता से समझा जा सकता है| वहीँ ट्रैक्टर में काम आने वाले डीज़ल आदि का खर्चा अलग है| इसके अतिरिक्त भूमि के पोषक जीवाणू ट्रैक्टर की गर्मी से व उसके नीचे दबकर ही मर जाते हैं|

इसके अलावा खेतों की सींचाई के लिए बैलों के द्वारा चालित पम्पिंग सेट और जनरेटर से ऊर्जा की आपूर्ति भी सफलता पूर्वक हो रही है| इससे अतिरिक्त बाह्य ऊर्जा में होने वाला व्यय भी बच गया|

दि भारतीय कृषि में गौवंश का योगदान मिले तो आज भी भारत भूमि सोना उगल सकती है| सदियों तक भारत को सोने की चिड़िया बनाने में गाय का ही योगदान रहा है|

ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भी पशुधन का उपयोग लिया जा सकता है| आज भारत में विधुत ऊर्जा उत्पादन का करीब ६७ प्रतिशत थर्मल पावर से, २७ प्रतिशत जलविधुत से, ४ प्रतिशत परमाणु ऊर्जा से व २ प्रतिशत पवन ऊर्जा के द्वारा हो रहा है|

थर्मल पावर प्लांट में विधुत उत्पादन के लिए कोयला, पैट्रोल, डीज़ल व प्राकृतिक गैस का उपयोग किया जाता है| इसके उपयोग से कार्बन डाई आक्साइड का उत्सर्जन वातावरण में हो रहा है| जिससे वातावरण के दूषित होने से भिन्न भिन्न प्रकार के रोगों का जन्म अलग से हो रहा है|
जलविधुत परियोजनाएं अधिकतर भूकंपीय क्षेत्रों में होने के कारण यहाँ भी खतरे की घंटी है| ऐसे में किसी भी बाँध का टूट जाना करोड़ों लोगों को प्रभावित कर सकता है| टिहरी बाँध के टूटने से चालीस करोड़ लोग प्रभावित होंगे|
परमाणु ऊर्जा के उपयोग का एक भयंकर परिणाम तो हम अभी कुछ समय पहले जापान में देख ही चुके हैं| परमाणु विकिरणों के दुष्प्रभाव को कई दशकों बाद भी देखा जाता है|

                  जबकि यहाँ भी गौवंश का योगदान लिया जा सकता है| स्व. श्री राजीब भाई दीक्षित अपने पूरे जीवन भर इस अनुसन्धान में लगे रहे व सफल भी हुए| उनके द्वारा बनाए गए गोबर गैस संयत्र से गोबर गैस को सिलेंडरों में भरकर उसे ईंधन के रूप में उपयोग लिया जा सकता है| आज एक साधारण कार को पैट्रोल से चलाने में करीब चार रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से खर्च होता है| जिस प्रकार से पैट्रोल, डीज़ल के दाम बढ़ रहे हैं, यह खर्च आगे और भी बढेगा| वहीँ दूसरी और गोबर गैस के उपयोग से उसी कार को ३५ से ४० पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से चलाया जा सकता है|
आईआईटी दिल्ली ने कानपुर गोशाला और जयपुर गोशाला अनुसंधान केन्द्रों के द्वारा एक किलो सी .एन.जी. से २५ से ४० किलोमीटर एवरेज दे रही तीन गाड़ियां चलाई जा रही है|
रसोई गैस सिलेंडरों पर भी यह बायोगैस बहुत कारगर सिद्ध हुई है| सरकार की भ्रष्ट नीतियों के चलते आज रसोई गैस के दाम भी आसमान तक पहुँच गए हैं, जबकि गोबर गैस से एक सिलेंडर का खर्च केवल ५० से ७० रुपये तक आँका गया है|
इसी बायोगैस से अब हैलीकॉप्टर भी जल्द ही चलाया जा सकेगा| हम इस अनुसन्धान में अब सफलता के बहुत करीब हैं|
गोबर गैस प्लांट से करीब सात करोड़ टन लकड़ी बचाई जा सकती है, जिससे करीब साढ़े तीन करोड़ पेड़ों को जीवन दान दिया जा सकता है| साथ ही करीब तीन करोड़ टन उत्सर्जित कार्बन डाई आक्साइड को भी रोका जा सकता है|

पैट्रोल, डीज़ल, कोयला व गैस तो सब प्राकृतिक स्त्रोत हैं, किन्तु यह बायोगैस तो कभी न समाप्त होने वाला स्त्रोत है| जब तक गौवंश है, अब तक हमें यह ऊर्जा मिलती रहेगी|


हाल ही में कानपुर की एक गौशाला ने एक ऐसा सीऍफ़एल बल्ब बनाया है जो बैटरी से चलता है| इस बैटरी को चार्ज करने के लिए गौमूत्र की आवश्यकता पड़ती है| आधा लीटर गौमूत्र से २८ घंटे तक सीऍफ़एल जलता रहेगा|
यदि सरकार चाहे तो इस क्षेत्र में सकारात्मक कदम उठाकर इससे भारी मुनाफा कमाया जा सकता है|

  इसके अतिरिक्त चिकित्सा के क्षेत्र में तो भारतीय गाय के योगदान को कोई झुठला ही नहीं सकता| 
हम भारतीय गाय को ऐसे ही माता नहीं कहते| इस पशु में वह ममता है जो हमारी माँ में है|
भारतीय गाय की रीढ़ की हड्डी में सूर्यकेतु नाड़ी होती है| सूर्य के संपर्क में आने पर यह स्वर्ण का उत्पादन करती है| गाय के शरीर से उत्पन्न यह सोना गाय के दूध, मूत्र व गोबर में भी होता है|
अक्सर ह्रदय रोगियों को घी न खाने की सलाह डॉक्टर देते रहते हैं| साथ ही एलोपैथी में ह्रदय रोगियों को दवाई में सोना ही कैप्सूल के रूप में दिया जाता है| यह चिकित्सा अत्यंत महँगी साबित होती है|

जबकि आयुर्वेद में ह्रदय रोगियों को भारतीय गाय के दूध से बना शुद्ध घी खाने की सलाह दी जाती है| इस घी में विद्यमान स्वर्ण के कारण ही गाय का दूध व घी अमृत के समान हैं|
गाय के दूध का प्रतिदिन सेवन अनेकों बीमारियों से दूर रखता है|
गौ मूत्र से बनी औषधियों से कैंसर, ब्लडप्रेशर, अर्थराइटिस, सवाईकल हड्डी सम्बंधित रोगों का उपचार भी संभव है| ऐसा कोई रोग नहीं है, जिसका इलाज पंचगव्य से न किया जा सके|


यहाँ तक कि हवन में प्रयुक्त होने वाले गाय के घी व गोबर से निकलने वाले धुंए से प्रदुषण जनित रोगों से बचा जा सकता है| हवन से निकलने वाली गैसों में इथीलीन आक्साइड, प्रोपीलीन आक्साइड व फॉर्मएल्डीहाइड गैसे प्रमुख हैं|
इथीलीन आक्साईड गैस जीवाणु रोधक होने पर आजकल आपरेशन थियेटर से लेकर जीवन रक्षक औषधियों के निर्माण में प्रयोग मे लायी जा रही है। वही प्रोपीलीन आक्साइड गैस का प्रयोग कृत्रिम वर्षा कराने के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है|
साथ ही गाय के दूध से रेडियो एक्टिव विकिरणों से होने वाले रोगों से भी बचा जा सकता है|

                    यदि सरकार वैदिक शिक्षा पर कुछ शोध करे तो दवाइयों पर होने वाले करीब दो लाख पचास हज़ार करोड़ के खर्चे से छुटकारा पाया जा सकता है|

अब आप ही बताइये कहने को तो गाय केवल एक जानवर है, किन्तु इतने कमाल का एक जानवर क्या हमें ऐसे ही बूचडखानों में तड़पती मौत मरने के लिए छोड़ देना चाहिए?

कुछ तो कारण है जो हज़ारों वर्षों से हम भारतीय गाय को अपनी माँ कहते आए हैं|

भारत निर्माण में गाय के अतुलनीय योगदान को देखते हुए शीर्षक की सार्थकता में मुझे यही शीर्षक उचित लगा!!
   आभार  
      आदरणीय दिवस दिनेश गौर जी,
         www.diwasgaur.com  
 
 
******************************************
आपको स्वाधीनता दिवस और  
तीज पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!!
                                              

                                                  सवाई सिंह राजपुरोहित
       सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया जोधपुर


गौ माता से जुडे बहुत ही महत्वपूर्ण पोस्टो पर स्वागत है आपका

59 टिप्‍पणियां:

  1. bhaiajaan bhtrin lekhan ke liyen badhaai lekin gustaakhi maaf desh ki jntaa bhi to srkaaari bhrasht qsaaiyon ke aage gaayen bani hain jaao saari gayen aapki .....akhtar khan akela kota rajsthan

    जवाब देंहटाएं
  2. सार्थक संदेश देता आलेख!!
    गौधन बचाने में ही देश की समृद्धि निहित है

    जवाब देंहटाएं
  3. भाई सवाई सिंह जी, इस लेख को अपने ब्लॉग पर लगाने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद...गौ माता की महिमा जहां जहां की जाए, सार्थक होगी|
    आपका आभारी हूँ|

    जवाब देंहटाएं
  4. इस गौ धन की महिमा बनाये रखने की जरुरत है !

    जवाब देंहटाएं
  5. आदरणीय दिवस दिनेश गौर जी,
    आपकी इजाजत मिली इस के लिए आपका बहुत बहुत आभार इस पोस्ट में कोई कमी लगे तो बता देना जी आपका भी धन्यवाद!!

    जवाब देंहटाएं
  6. आदरणीय अख़्तर ख़ान अकेलाजी,
    आपकी बात एक दम सही है !आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!

    जवाब देंहटाएं
  7. आदरणीय सुज्ञ जी,
    आज की परिस्थिति में एक ही मार्ग है गौ माता की रक्षा के लिए हर एक को आगे लाना चाहाता हु!!आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!

    जवाब देंहटाएं
  8. आदरणीय सुषमा जी,आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी!

    आदरणीय जी.एन .शव जी,मैं आपकी बात से बिलकुल सहमत हूँ!"इस गौ धन की महिमा बनाये रखने की जरुरत है!"आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी और हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत उपयोगी आलेख लिखा है आपने!
    65वें स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत कुछ कह गयी आपकी यह पोस्ट,निसन्देह बहुत प्रेरक पोस्ट

    आपको दिल से सलाम

    जवाब देंहटाएं
  11. आदरणीय दिवस दिनेश गौर जी,आपके विचारों से सहमत हूँ ...आभार

    जवाब देंहटाएं
  12. आपने अतीत और वर्तमान का जो विश्लेषण तथ्यपरक ढंग से किया है| उस की जितनी भी तारीफ की जाए कम है| गौ माता की रक्षा के लिए हर एक को आगे आना चाहिए बेहद ज्ञानवर्धक और सार्थक आलेख्।
    आप सभी मित्र कृपया पूरे लेख को ध्यान से पढ़ें... यह हमारे लिए सोचने का विषय है!

    जवाब देंहटाएं
  13. नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया


    सभी ब्लोगेर साथियों को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  14. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  15. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  16. सवाई सिंह जी आपने जो शीर्षक दिया है बिलकुल सही है गाय की महिमा हम सभी अच्छी तरह से जानते हैं .सार्थक जानकारी युक्त आलेख.

    जवाब देंहटाएं
  17. सवाई सिंह ji गाय kee mahima हम bharatiy bhali bhanti जानते हैं और हम गाय को माता सामान पूजते हैं आपने जो जानकारी अपनी post ke madhyam se hame dee है वह संग्रहणीय है. आभार

    जवाब देंहटाएं
  18. आदरणीय डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी,आपका सुवागत है एक्टिवे लाइफ ” ब्लॉग परिवार में शामिल होने पर और आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी!

    जवाब देंहटाएं
  19. प्रिय दोस्त सोनू आपकी इस उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया को पाकर बेहद प्रसन्नता हुई!हार्दिक धन्यवाद!आपका बहुत बहुत शुक्रिया!!!

    जवाब देंहटाएं
  20. आदरणीय शिखा कौशिकजी ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं उम्मीद है आप हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे
    बहुत बहुत आभार .....

    जवाब देंहटाएं
  21. आदरणीय शालिनी कौशिक जी प्रथम विजेता के रूप में चुने जाने पर बहुत बधाई/शुभकामनाये देंता हूँ!और ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं उम्मीद है आप हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे आपका बहुत बहुत शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  22. बहुत सुन्दर और सार्थक सन्देश देती हुई उम्दा आलेख ! बेहतरीन प्रस्तुती!

    जवाब देंहटाएं
  23. आदरणीय बबलीजी ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

    आदरणीयब कुंवर कुसुमेश जी ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं उम्मीद है आप हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे बहुत बहुत आभार .....

    जवाब देंहटाएं
  24. तुम मुझे गाय दो, मैं तुम्हे भारत दूंगा.....
    अद्भुत! बहुत अच्छा मुद्दा उठाया आपने ------- हार्दिक बधाई.
    सहमत हूँ मै भी आपसे!

    जवाब देंहटाएं
  25. सार्थक एवं प्रेरक सन्देश देता लेख....

    जवाब देंहटाएं
  26. sarthak aur satik lekh agar hum gau mata kehte hain to bete ka kartavya bhi nibhana chahiye

    जवाब देंहटाएं
  27. आदरणीय सुरेन्द्र सिंह "झंझट"जी ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

    आदरणीयब निवेदिताजी ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं उम्मीद है आप हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे बहुत बहुत आभार ....

    जवाब देंहटाएं
  28. आदरणीय अक्षय-मनजी आपकी बात से में सहमत हु!
    ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं उम्मीद है आप हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे बहुत बहुत आभार

    जवाब देंहटाएं
  29. लोगों की मानसिकता बदलने के लिए ऐसे ही अनेक प्रयास करने पड़ते हैं तब कहीं जाकेर समाज में परिवर्तन लाया जा सकता है.

    जवाब देंहटाएं
  30. सवाई भाई आपकी ये पोस्ट एक अच्च्ची पोस्ट और एक सराहनिया प्रयास गौ माता की रक्षा के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  31. पशुधन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आज भी शक्ति देता है. इसमें शहरी विकास में योगदान की भी अपार संभावनाएँ हैं. मुश्किल यह है हम गौ को भी चारे के रूप में कैमिकल्स दे रहे हैं. शानदार पोस्ट.

    जवाब देंहटाएं
  32. आदरणीय श्री भारत भूषण भगत जी
    आपकी बात से पूर्णतया सहमत हूँ आपने बिलकुल सही बात कही हे की हम गौ को भी चारे के रूप में कैमिकल्स दे रहे है

    जवाब देंहटाएं
  33. योगेन्द्र भाई
    मै आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूँ!
    आपका और आदरणीय श्री भारत भूषण भगत जी, आपका ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आपका ह्र्दय से बहुत बहुत आभार और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा….. आपका सवाई सिंह

    जवाब देंहटाएं
  34. अच्छा लगा पढ़कर. गाय को माता का दर्जा दिया गया है हमारी संस्कृति में...

    जवाब देंहटाएं
  35. प्रिय सवाई सिंह राजपुरोहित जी अभिवादन गौ माता पर लिखा गया ये सार्थक लेख आप का सराहनीय है शीर्षक कुछ अजीब तो लगा लेकिन बिभिन्न मुद्दों को आप ने दिखाया और कहीं न कहें गौ माता से उसे जोड़ लाभ भी दिखाया जिससे ठीक ही हो गया वैसे आजादी के लिए तो हमें बहुत जोर लगाना है ......
    आभार
    भ्रमर ५


    प्रिय सवाई सिंह राजपुरोहित जी अभिवादन और अभिनन्दन आप का भ्रमर का दर्द और दर्पण में -रचना मन को भायी आप के और आप ने इस का समर्थन किया ख़ुशी हुयी
    आभार
    भ्रमर ५

    जवाब देंहटाएं
  36. bahot hi behtarin lekh .. gau dhan bachana hi desh ki sab se pehli smruddhi hogi .....

    जवाब देंहटाएं
  37. हिंदी भाषा मे दी गयी जानकारी सचमुच उपयॊगी है!
    भारत अगर भारत है तॊ खॆती कॆ करण और खॆती की कल्पना गो धन कॆ बिना सम्भव नही हो सकती है!गयो को अगर बचाना है तो ऐसे प्रयास ज़रूरी है!

    जवाब देंहटाएं
  38. हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है! गो दान, गो पूजन, खाने के पहले गो ग्रास यानी गाय के लिए पहली रोटी निकालना, जैसी परंपराएं बहु प्रचलित हैं!

    आखिर गाय माता में ऐसा क्या होता है जो उसे पूजनीय बनाता है1 गाय के रहने के कई फायदे हैंऔर इसलिए हिंदू धर्म में गो पालन पर विशेष जोर दिया गया है!

    गाय और माँ एक ऐसा शब्द जो काफी मिलता जुलता है हम भारतीय गाय को माँ कहते है और उसकी पूजा करते है और उसका दूध प़ी कर बड़े होते है और जब हम बड़े हो जाते है और गाय बुडी हो जाती है और दूध देना बंद कर देती है तो हम उसे छोड़ देते है सडक पर रेल पटरियों के किनारे मरने के लिए क्या यही हमारा धर्म है?

    ॥ अपनी माँ के लिए ॥

    हमें भी एक संकल्प लेना पडेगा की अपने स्तर पे जहाँ तक संभव हो गौ माता को सम्मान देंगे!!

    जवाब देंहटाएं
  39. इस लिए ऐसे प्रयास ज़रूरी है! सवाई जी आपका आभार

    जवाब देंहटाएं
  40. गौ माता की जय ऐसे ही नहीं कहते थे सब ... ऐसे प्रयासों की जरूरत है आज ...

    जवाब देंहटाएं
  41. आदरणीय श्री समीर लालजी आपने सही कहा है गाय को माता का दर्जा दिया गया है हमारी संस्कृति में

    जवाब देंहटाएं
  42. आदरणीय सुरेन्द्र शुक्ल " भ्रमर"जी आपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया।
    हार्दिक आभार इसी तरह सम्वाद बनाए रखें!

    जवाब देंहटाएं
  43. आदरणीय आपकाजी आपकी बात सही है "भारत अगर भारत है तॊ खॆती कॆ करण और खॆती की कल्पना गो धन कॆ बिना सम्भव नही हो सकती है!गयो को अगर बचाना है"इस लिए ऐसे प्रयास ज़रूरी है और उसमे आप लोगो का साथ और अब समय आ गया है जबकि हम सभी अपनी बात एक आवाज में उठाएं और गौ माता की रक्षा के लिए हर एक को आगे आना चहिए हममें से प्रत्येक की आवाज महत्वपूर्ण है!!

    जवाब देंहटाएं
  44. आदरणीय श्री दिगम्बर नासवाजी आपका ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आपका ह्र्दय से बहुत बहुत आभार और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा….. आपका सवाई सिंह

    जवाब देंहटाएं
  45. कुछ तो कारण है जो हज़ारों वर्षों से हम भारतीय गाय को अपनी माँ कहते आए हैं|
    अरे भाई , कुछ नहीं इतने कारण हैं कि गिनने बौठो तो कई दिन लग जाएँ |

    भारत के सबसे बड़े गौरक्षक भगवान कृष्ण के जनमाष्टमी के पावन अवसर पर बधाई स्वीकार करें |

    जवाब देंहटाएं
  46. राजपुरोहित जी नमस्कार आप मेरे ब्लाग पर आये और अपना विचार प्रगट किये सबसे पहले उसके लिए धन्यवाद्...
    बहुत खूब राजपुरोहित जी अपने गौ माता की रक्षा के लिए हमें बहुत ही जमीनी लड़ाई लड़नी होगी जिसमे सम्पूर्ण भारत को आगे आना होगा
    आपके इस लेख को पढ़ कर सभी ब्लागर मित्र जरुर इस बात को ह्यां में रख कर अपने अपने क्षेत्रों में जरुर प्रयासरत रहेंगे आपके इस सन्देश को जन जन तक पहुचने को इसी आशा के साथ .......
    आपको बहुत बहुत बधाई

    जवाब देंहटाएं
  47. Itne sarthak aur upyogi lekh ke liye aapko hardik badhai ..............aabhar

    जवाब देंहटाएं
  48. प्रिय बंधुवर सवाई सिंह जी
    सस्नेह अभिवादन !

    तुम मुझे गाय दो , मैं तुम्हें भारत दूंगा आलेख बहुत अच्छा लगा … निःसंदेह गाय हमारी माता है ! … लेकिन अब देशी नस्ल की गायें गायब हो रही हैं … इनके संरक्षण के लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए ।

    पुनः एक सार्थक और उपयोगी लेख के लिए आभार और बधाई !


    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

    - राजेन्द्र स्वर्णकार

    जवाब देंहटाएं
  49. आदरणीय श्री राजेन्द्र स्वर्णकारजी
    मेरा कोटि कोटि प्रणाम
    आपकी बात सही है यह वास्तव में चिंता का विषय है!

    देश हर दो साल में एक देशी गाय की नस्ल विलुप्त हो जाती हैं. 1947 में देश में देशी गाय की 60 नस्लें पायी जाती थी जो कि आजादी के 60 साल बाद घटकर 30 रह गयी है" इनमें भी छह नस्ल बस विलुप्त होने के कगार पर हैं. कृष्णनीरा नस्ल की तो मात्र 45-50 गायें ही बची हैं. देश के कई वैज्ञानिकों और गोपालकों ने सरकार से गुहार लगाई है कि वे विलुप्त होती देशी गाय को बचाने के लिए तुरंत कदम उठाये!"
    ये जानकारी http://visfot.com/blog/archives/79 लिया गया हे

    बहुत बहुत आभार और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा…..
    आपका सवाई सिंह

    जवाब देंहटाएं
  50. आदरणीय नीलकमल वैष्णवजी
    मै आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूँ!"गौ माता की रक्षा के लिए हमें बहुत ही जमीनी लड़ाई लड़नी होगी जिसमे सम्पूर्ण भारत को आगे आना होगा" बहुत बहुत आभार और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा…..
    आपका सवाई सिंह

    जवाब देंहटाएं
  51. प्रिय अवनीश सिंहजी

    प्रिय अमरेन्द्रजी आपका ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आपका ह्र्दय से बहुत बहुत आभार और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा…..


    आप सभी को भारत के सबसे बड़े गौरक्षक भगवान कृष्ण के जनमाष्टमी के पावन अवसर पर बधाई

    आपका सवाई सिंह

    जवाब देंहटाएं
  52. bahut hi badiya laga padh kar. upyogi jaankari ke liye shukriya..

    visit a new site for Free Haunted 3D Hindi movie download.

    जवाब देंहटाएं
  53. Sonal ji आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!

    जवाब देंहटाएं
  54. उत्तर
    1. ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं उम्मीद है आप हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे आपका बहुत बहुत शुक्रिया

      हटाएं

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

लिखिए अपनी भाषा में

सवाई सिंह को ब्लॉग श्री का खिताब मिला साहित्य शारदा मंच (उतराखंड से )