आज सुबह उठते ही मां की बहुत याद आने लगी सोचा दो शब्द जो कि मां की याद दिलाते हैं बचपन से वो आप सभी के साथ शेयर कर रहा हूँ कुछ दिन से अपने आप को बहुत परेशान महसूस कर रहा था लेकिन आज सुबह मां से मुलाकात सारी परेशानियां दूर कर गई ।
मुझे मेरी मां सबसे अधिक प्यार करती थी भाइयों में सबसे छोटा था इसीलिए मां सबसे ज्यादा प्यार भी करती थी और पिटाई भी सबसे कम करती थी मां अब तो इस दुनिया में नहीं है 12 साल हो गये लेकिन उनकी यादें हमेशा मेरे साथ रहती है मां की कही हर बात मुझे आज भी बहुत अच्छे से याद है और मैं जिंदगी में उस बातो को हमेशा फॉलो करता हूं जो मुझे हमेशा कुछ अच्छा करने को प्रेरित कर रहती है।
आज जो कुछ हूं या जो कुछ बनने की कोशिश कर रहा हूं वह सिर्फ और सिर्फ मेरी पूज्य माता जी स्वर्गीय श्रीमती सुगना कंवर जी राजपुरोहित की देन है और आप ही की प्रेरणा से आज सुगना फाउंडेशन मेघलासिया सामाजिक सेवा कार्यों में संलग्न है आपकी दी हुई शिक्षा आज इस संगठन की सबसे बड़ी प्रेरणा है जो कि हर सदस्य को कुछ अच्छा करने को प्रेरित करता है।
और यह संगठन आगे भी आपकी इसी प्रेरणा पर काम करता रहेगा सामाजिक जनजीवन की खुशियों के लिए।
श्रीमती सन्तोष राजपुरोहित अध्यक्षा सुगना फाउंडेशन मेघलासिया
ममतामयी माँ को नमन
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