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रविवार, नवंबर 2

राजस्थान में अब Digi Locker और M Parivahan App से आप गाड़ी के दस्तावेज दिखाते हैं तो यह मान्य होगा।

दोस्तों यह देखकर खुशी हुई कि राजस्थान सरकार ने आखिरकार DigiLocker और mParivahan ऐप्स के माध्यम से दिखाए गए गाड़ी के दस्तावेज़ों को मान्यता दे दी है। यह निश्चित रूप से 'देर आयद, दुरुस्त आयद' वाली बात है।

​आपकी यह हैरानी बिल्कुल जायज़ है कि यह व्यवस्था इतने समय से क्यों लागू नहीं थी, खासकर जब केंद्र सरकार की तरफ से इन ऐप्स को वर्षों पहले ही मान्यता मिल चुकी थी। यह बात सही है कि सरकारी प्रक्रियाओं का तकनीक को अपनाने की गति अक्सर लोगों की अपेक्षाओं से काफी धीमी होती है।

DigiLocker/mParivahan की मान्यता का इतिहास:

​2018 में ही: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH), भारत सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर दी थी कि DigiLocker या mParivahan में इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखे गए दस्तावेज़ (जैसे RC, ड्राइविंग लाइसेंस, PUC) वैध माने जाएंगे और पुलिस या परिवहन अधिकारी उन्हें स्वीकार करने के लिए बाध्य हैं।

राज्य स्तर पर देरी: इसके बावजूद, कई राज्यों में ज़मीनी स्तर पर, विशेषकर ट्रैफिक पुलिस द्वारा, संदेह या जानकारी के अभाव के कारण इन दस्तावेज़ों को स्वीकार करने में दिक्कतें आती रहीं।

​अब राजस्थान में स्पष्टता: राजस्थान सरकार का यह कदम राज्य स्तर पर स्पष्टता लाता है और सुनिश्चित करता है कि अब किसी अधिकारी को इन डिजिटल दस्तावेज़ों को अस्वीकार करने का कोई बहाना नहीं मिलेगा।

​बहरहाल, यह एक बड़ा और सकारात्मक कदम है जो कागज रहित गवर्नेंस की दिशा में सहायक होगा। राजस्थान पुलिस और सरकार को आपकी तरफ से धन्यवाद देना बिल्कुल उचित है। 

बुधवार, अक्टूबर 29

अब फोन उठाने से पहले ही आपको यह पता चल जाएगा कि कॉल किसका

 अब आपके मोबाइल पर कॉल आएगी तो सिर्फ नंबर नहीं, बल्कि सामने वाले कॉलर का असली नाम भी दिखेगा. दूरसंचार विभाग यानि DoT ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे अगले एक हफ्ते के भीतर कम से कम एक सर्किल में कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन सेवा शुरू करें. अब इस सुविधा के लागू होने के बाद फोन उठाने से पहले ही आपको यह पता चल जाएगा कि कॉल किसके नाम से आ रही है। 

भारत सरकार और टेलीकॉम कंपनियों की तरफ से इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है।

​यह सुविधा दो तरह से काम करती है या जल्द ही उपलब्ध होगी।

​1. सरकारी पहल: CNAP (Calling Name Presentation)

​दूरसंचार विभाग (DoT) और ट्राई (TRAI) CNAP (कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन) नामक एक नई सुविधा को लागू कर रहे हैं।

​यह क्या है: इस सुविधा के लागू होने पर, जब भी आपको कोई कॉल आएगा, तो स्क्रीन पर कॉल करने वाले का असली नाम दिखाई देगा, भले ही वह नंबर आपके फ़ोन में सेव न हो।

​नाम कहाँ से आएगा: यह नाम वह होगा जो कॉलर ने सिम लेते समय अपने KYC (Customer Application Form - CAF) में दिया था।

​फायदा: इससे फर्जी और स्पैम कॉल पर रोक लगाने में मदद मिलेगी, क्योंकि आपको कॉल उठाने से पहले ही पता चल जाएगा कि सामने वाला व्यक्ति कौन है।

2. थर्ड-पार्टी ऐप्स (जैसे Truecaller)

​आप Truecaller जैसे ऐप्स के जरिए भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं:

​कॉलर आईडी: Truecaller जैसे ऐप्स अपने डेटाबेस का उपयोग करके अनजान नंबरों की पहचान करके कॉल आने पर उनका नाम स्क्रीन पर दिखाते हैं।

​स्थिति: दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों को इसे एक सर्किल में पायलट प्रोजेक्ट (परीक्षण) के तौर पर शुरू करने का निर्देश दिया है। जल्द ही यह पूरे देश में लागू होने की उम्मीद है।

शनिवार, सितंबर 6

आगरा में धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम कैंसिल, प्रशासन ने परमिशन रद्द की।

 आगरा में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कार्यक्रम ऐन मौके पर प्रशासन द्वारा स्थगित कर दिया गया। इसके पीछे प्रमुख वजह कार्यक्रम स्थल पर अनुमत संख्या से चार गुना अधिक भीड़ का पहुंचना रहा—जहां 5 हजार लोगों के बैठने की जगह थी, वहां करीब 20 हजार श्रद्धालु एकत्र हो गए। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने अनुमति रद्द कर कार्यक्रम को रोक दिया।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की आगरा यात्रा 6 सितंबर 2025 को निर्धारित थी, लेकिन भारी भीड़ के कारण उनका कार्यक्रम अंतिम समय पर रद्द कर दिया गया। वे शनिवार सुबह 11:30 बजे आगरा के खंदारी, पदम प्राइड अपार्टमेंट पहुंचे जहां आयोजनकर्ता पुष्कल गुप्ता के घर रुके। उन्हें दोपहर 1 बजे फतेहाबाद रोड स्थित राज देवम गार्डन में भक्तों के बीच आना था और लगभग 2 घंटे आशीर्वचन कार्यक्रम चलाने का कार्यक्रम था, लेकिन दोपहर 12 बजे ही प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से अनुमति रद्द कर दी।

कार्यक्रम स्थल और कारण

मूल रूप से यह कार्यक्रम तारघर मैदान में होना था, लेकिन बारिश के चलते इसे राजदेवम गार्डन, फतेहाबाद रोड स्थानांतरित किया गया था।पुलिस-प्रशासन ने कार्यक्रम के लिए 5 हजार लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन भारी भीड़ और सुरक्षा कारणों से कार्यक्रम को स्थगित करने की घोषणा की गई।

प्रशासन की अपील

सिर्फ पासधारक व्यक्तियों को ही अनुमति देने की बात कही गई थी।पुलिस और प्रशासन ने श्रद्धालुओं से सहयोग करने और आयोजन स्थल पर न पहुंचने का अनुरोध किया।

भक्तों की प्रतिक्रिया

अचानक कार्यक्रम स्थगित होने से हजारों की भीड़ निराश हो गई।व्यवस्थापक व आयोजकों ने भविष्य में दोबारा आयोजन का आश्वासन दिया।

भक्तों के लिए संदेश

धीरेंद्र शास्त्री ने वीडियो सन्देश में कहा कि जल्द ही आगरा में फिर से दरबार लगाएँगे, आश्वासन दिया कि सभी भक्तों के हित को प्राथमिकता दी गई है।

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