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शनिवार, सितंबर 6

आगरा में धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम कैंसिल, प्रशासन ने परमिशन रद्द की।

 आगरा में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कार्यक्रम ऐन मौके पर प्रशासन द्वारा स्थगित कर दिया गया। इसके पीछे प्रमुख वजह कार्यक्रम स्थल पर अनुमत संख्या से चार गुना अधिक भीड़ का पहुंचना रहा—जहां 5 हजार लोगों के बैठने की जगह थी, वहां करीब 20 हजार श्रद्धालु एकत्र हो गए। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने अनुमति रद्द कर कार्यक्रम को रोक दिया।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की आगरा यात्रा 6 सितंबर 2025 को निर्धारित थी, लेकिन भारी भीड़ के कारण उनका कार्यक्रम अंतिम समय पर रद्द कर दिया गया। वे शनिवार सुबह 11:30 बजे आगरा के खंदारी, पदम प्राइड अपार्टमेंट पहुंचे जहां आयोजनकर्ता पुष्कल गुप्ता के घर रुके। उन्हें दोपहर 1 बजे फतेहाबाद रोड स्थित राज देवम गार्डन में भक्तों के बीच आना था और लगभग 2 घंटे आशीर्वचन कार्यक्रम चलाने का कार्यक्रम था, लेकिन दोपहर 12 बजे ही प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से अनुमति रद्द कर दी।

कार्यक्रम स्थल और कारण

मूल रूप से यह कार्यक्रम तारघर मैदान में होना था, लेकिन बारिश के चलते इसे राजदेवम गार्डन, फतेहाबाद रोड स्थानांतरित किया गया था।पुलिस-प्रशासन ने कार्यक्रम के लिए 5 हजार लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन भारी भीड़ और सुरक्षा कारणों से कार्यक्रम को स्थगित करने की घोषणा की गई।

प्रशासन की अपील

सिर्फ पासधारक व्यक्तियों को ही अनुमति देने की बात कही गई थी।पुलिस और प्रशासन ने श्रद्धालुओं से सहयोग करने और आयोजन स्थल पर न पहुंचने का अनुरोध किया।

भक्तों की प्रतिक्रिया

अचानक कार्यक्रम स्थगित होने से हजारों की भीड़ निराश हो गई।व्यवस्थापक व आयोजकों ने भविष्य में दोबारा आयोजन का आश्वासन दिया।

भक्तों के लिए संदेश

धीरेंद्र शास्त्री ने वीडियो सन्देश में कहा कि जल्द ही आगरा में फिर से दरबार लगाएँगे, आश्वासन दिया कि सभी भक्तों के हित को प्राथमिकता दी गई है।

बुधवार, जुलाई 9

आगरा राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय परिसर में 'एक पेड़ मां के नाम' महाभियान के तहत वृक्षारोपण

आगरा, आज राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय परिसर में 'एक पेड़ मां के नाम' वृक्षारोपण महाभियान के तहत भव्य वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अभियान का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन जागरूकता बढ़ाना और प्रत्येक व्यक्ति को अपनी मां के नाम पर एक पौधा लगाने के लिए प्रेरित करना है।

उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के विजन के अनुरूप 'नए भारत' के 'नए उत्तर प्रदेश' ने 9 जुलाई को एक ही दिन में 3️⃣7️⃣ करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया है।

उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी के विशेष आवाहन एक पेड़ मां के नाम पर 9 जुलाई को इस पहल की शुरुआत की पिछले साल की थी। साथ ही मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वृक्षारोपण आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में पेड़ों के महत्व पर प्रकाश डाला और सभी से इस महाभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया।

चिकित्सालय के प्रांगण में उपस्थित डॉ विनोद कुमार,योग प्रशिक्षक लोकेंद्र शर्म, सवाई सिंह, राकेश कुमार,नरेश कुमार व रोजगार दफ्तर के स्टाफ सदस्यों ने उत्साहपूर्वक विभिन्न प्रकार के औषधीय और फलदार पौधे लगाए। इस दौरान नीम, पीपल, आंवला, अमरूद और अन्य उपयोगी पौधों का रोपण किया गया। प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे इन पौधों की नियमित रूप से देखभाल करेंगे ताकि वे बड़े होकर स्वस्थ वृक्ष बन सकें।

चिकित्सालय के डॉ विनोद कुमार ने बताया कि यह अभियान पर्यावरण को हरा-भरा बनाने के साथ-साथ लोगों में अपनी जड़ों और प्रकृति के प्रति सम्मान की भावना को भी सुदृढ़ करेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे अभियान भविष्य में भी जारी रहेंगे।

टीम सुगना फाऊंडेशन मीडिया प्रभारी और योगाचार्य सवाई सिंह राजपुरोहित ने कहां यह वृक्षारोपण कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि हमें अपनी धरती मां और अपनी जननी मां दोनों का सम्मान करना चाहिए, और उनके प्रति अपना कर्तव्य निभाते हुए पर्यावरण को संरक्षित करना चाहिए।


रविवार, जुलाई 6

एक पेड़ मां के नाम उत्तर प्रदेश सीएम का आवाहन

  एक पेड़ मां के नाम

उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के विजन के अनुरूप 'नए भारत' के 'नए उत्तर प्रदेश' ने 9 जुलाई को एक ही दिन में 3️⃣7️⃣  करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया है।

26 राजकीय विभागों एवं 25 करोड़ नागरिकों की सहभागिता से नीम, अर्जुन, बेल, आंवला, अशोक, बबूल, इमली, पीपल, बरगद जैसे औषधीय गुणों से युक्त पौधों का रोपण किया जाएगा।

स्वच्छ एवं स्वस्थ पर्यावरण सृजित करने हेतु ‘वृक्षारोपण महाभियान-2025’ में प्रतिभाग कर अधिक से अधिक पौधरोपण करें।

गुरुवार, दिसंबर 12

रिटेल एम्पलाई डे और मेरी यादें रिलायंस रिटेल के साथ

रिटेल एम्पलाई डे 

हर साल 12 दिसंबर को रिटेल कर्मचारी दिवस (Red) के रूप में मनाया जाता है ताकि खुदरा कर्मचारियों को ध्यान में लाया जा सके और उनके अथक प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया जा सके। इस पहल को भारत के रिटेलर्स और रिटेल एसोसिएट्स के लिए ट्रस्ट द्वारा समझाया गया है और भारत में आरए (रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) द्वारा समर्थित है।

यह देश भर में खुदरा सहयोगियों के प्रयासों को पहचानने के लिए नियोक्ताओं के साथ-साथ ग्राहकों को प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है। दिन का उद्देश्य अपनी नौकरियों और जीवन के लिए जागरूकता और सहानुभूति पैदा करना और ग्राहक के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

रिलायंस ट्रेंड्स के कर्मचारियों के साथ

स्टोर मैनेजर श्री गजेंद्र शर्मा जी के साथ

आईए जानते हैं इसकी स्थापना कब हुई।

 2011 में इसकी स्थापना के बाद से पूरे भारत में 300 से अधिक खुदरा विक्रेताओं और 70 शॉपिंग सेंटर अपने कर्मचारियों को इस दिन के लिए धन्यवाद करने के लिए इकट्ठे हुए हैं। दो लाख से अधिक लोगों ने इसे मनाया। इस पहल से ट्रस्ट फ़ॉर स्ट्रेटेम्लेटर्स एंड स्ट्रैमिस्ट्री एसोसिएट्स ऑफ इंडिया (TRRAIN) ने जबरदस्त सफलता देखी है।

2013 में, खुदरा कर्मचारी दिवस तुर्की में बोयेर ग्रुप को अपने 12000 कर्मचारियों के साथ पूरे देश को 2014 में जश्न मनाने का मौका मनाने के लिए दिन मनाने के लिए प्रेरित किया। तुर्की खुदरा उद्योग से लगभग 2 मिलियन लोगों ने खुदरा कर्मचारी दिवस मनाया, यह सरल विचार बनाकर वास्तव में एक वैश्विक घटना है।

भारत के केंद्रीय और राज्य सरकारों के मंत्रालयों से प्राप्त मान्यता के साथ खुदरा कर्मचारी दिवस के आसपास चर्चा नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के एक पत्र को बधाई दे रहे हैं। इस भव्य अवसर पर भारतीय खुदरा उद्योग ने इस दिन के लिए जबरदस्त गति को जोड़ा। और पूरे विश्व भर में 33 देश के साथ पूरे भारतवर्ष में 22 मिलियन से भी अधिक कर्मचारी आज 12 दिसंबर रिटेल कर्मचारी दिवस को हंसी खुशी के साथ इस दिन को मना रहा है और आनंद ले रहा है।



सोमवार, अप्रैल 29

चलती ट्रेन में प्रसव करवाने वाली निशा चौधरी को सरकार की तरफ से पुरस्कार मिलना चाहिए।

 हजारों दीपक चाहिए आरती सजाने के लिए। हजारों बूंदें चाहिए समूद्र बनाने के लिए। हजारों फूल चाहिए माला बनाने के लिए। पर एक अकेली बहन ही काफी है किसी की जान बचाने के लिए।


बहन के हौसले को दाद देता हूँ मेरे पास शब्द नहीं है बहन निशा ने ऐसा कार्य किया हे कभी मिले मौका तो बहन जरूर मिलूँगा आपसे ऐसे नेक कार्य करते रहिए ओर अपनी शिक्षा की ताकत को दिखाते रहिए... शौर्य प्रताप उर्फ सवाई सिंह राजपुरोहित 

चलती ट्रेन में प्रसव करवाने वाली निशा चौधरी को सरकार की तरफ से पुरस्कार मिलना चाहिए। और इस प्रेरणादायक कहानी को पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित करना चाहिए जिससे और लोग भी प्रेरणा लें और ऐसा करने का प्रयास करें कोशिश कीजिए की दिशा भावना से आप जन सेवा के कार्य करिए आपका सेवा का फल हमेशा आपको मिलेगा टीम सुगना फाऊंडेशन

शनिवार, मार्च 9

जीवन में अन्याय को एक सीमा तक ही बर्दाश्त करना चाहिए

 कभी-कभी हम जीवन में सही होने के बावजूद हम गलत लोगों के सामने सिर झुका लेते हैं, तो यह हमारी महानता और संजीवनी शक्तियों का प्रमाण है साथ ही हम यह भी दर्शाते हैं हम सही रास्ते पर और अपने अंदर उदारता है, जिससे हम भले ही असहीमता (परेशानियों) का सामना कर रह है, लेकिन हम अधिकतम सहानुभूति और विश्वास को बनाए रखना मे प्राथमिक देते हैं लेकिन कई बार यह हमारे लिए और बड़ा सर दर्द बन जाता है हमें ऐसे लोगों और ऐसा करने का मौका भी दे रहे होते हैं जीवन में कभी ऐसे करना है तो एक सीमा तक दे ओर कोशिश करें ऐसे लोगों को सबक जरूर सीखना चाहिए ताकि भविष्य में यह और लोगों का जीवन ना खराब कर सके मैंने अपने करियर में ऐसे कई लोगों के साथ काम किया और कई बार चीजों को बर्दाश्त किया लेकिन एक सीमा के बाद मैं उनके विरोध आवाज उठाई और मुझे सफलता भी मिली क्योंकि सत्य परेशान तो हो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता कई बार हम यह सोचकर प्रयास नहीं करते कि सामने वाला बहुत बड़े पद पर बैठा है यहीं से ही उनके अंदर यह हिम्मत पैदा हो जाती है कि यह छोटा व्यक्ति हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता लेकिन ऐसे लोगों को सबक सिखाना तब बेहद जरूरी हो जाता है जब उनका अन्याय हद से ज्यादा बढ़ने लग जाए। बिल्कुल उनके खिलाफ आवाज उठाएं फिर वह चाहे किसी भी बड़े पद पर क्यों ना हो आप उसकी परवाह मत कीजिए।

एक सामान्य चुनौती है जो बहुत से लोगों को अपने जीवन में अनुभव करनी पड़ती है। कुछ प्रमुख कारण जो मैने अपने जीवन में देखा है जो कि निम्न प्रकार है।

समय की आवश्यकता: कभी-कभी हम गलत लोगों के सामने सिर इसलिए झुका लेते हैं क्योंकि हमें अपने कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए समय की आवश्यकता (जरूरत) होती है।

सामाजिक दबाव: कभी-कभी हम गलत लोगों के सामने सिर झुकाते हैं क्योंकि हमें सामाजिक या परिवारिक दबाव का सामना करना पड़ता है। आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है

संबंधों की महत्वता: जब हमारे पास परिवारिक या सामाजिक रिश्ते होते हैं, अक्सर हम उनकी गलत चीजों को भी बर्दाश्त करते हैं क्योंकि हमें लगता है इससे हमारे संबंध और रिश्ते खराब हो जाएंगे ।

संयम और शांति: कई बार, हम गलत लोगों के साथ झगड़े और आपसी विवादों से बचने के लिए ऐसी चीजों को नजर अंदाज कर जाते हैं 

हालांकि, यह अभ्यास कई बार हमारे लिए बहुत नुकसानकारी होता है और हमें अपने सिद्धांतों (मूल्यों) और स्वाभिमान को समझने की जरूरत होती है। सही होने का मतलब हमेशा सच्चाई, न्याय, और समर्थन के साथ होता है। गलत लोगों के सामने सिर झुकाने की बजाय, हमें अपने सिद्धांतों और सत्य के लिए उठना चाहिए। और जीवन में ऐसे लोगों को सबक सिखाना चाहिए मैं जल्द ही एक ऐसी ही मुहिम पर काम करने वाला हूं जिसमें मुझे आप लोगों का विशेष सहयोग चाहिए होगा यह मेरे 9 साल के करियर को ध्यान में रखते हुए जिन बातों को मैं अनुभव किया उनको मैं यहां लिखा है।

विशेष नोट:- हो सकता है आपके विचार मेरे से थोड़े अलग या भिन्न हो। आप अपनी बात कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।

आपका शौर्य प्रताप( सवाई) सिंह राजपुरोहित [SM सीरीज 4]

शुक्रवार, फ़रवरी 2

हमारे बारे में उनसे पूछ लेना जिनके तुम चेले हो

 हमारे बारे में उनसे पूछ लेना

जिनके तुम चेले हो 


और हा 👇


पूछना है तो हमारे इरादे पूछिये

हमारा नाम तो सारा शहर जानता है...!

Aapka Shaurya Pratap (Sawai) Singh

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शनिवार, जनवरी 20

हमारे घर अयोध्या से आए हुए अक्षत का हम क्या करें?

 इसका सही उत्तर है कि हमारी निमंत्रण की पुरातन परंपरा का पालन करना ही ज्यादा उचित होगा। हम विवाह की निमंत्रण पत्रिका के साथ जो पीले चावल (अक्षत) देते हैं उन्हे अग्नि के फेरे लेते समय दूल्हा-दुल्हन पर शुभकामना/ आशिर्वाद/ अभिनंदन के रूप में डालने चाहिए। किन्तु आजकल यह प्रथा किसी को पता ना होने के कारण कोई ऐसा करता नही हैं। विवाह मंडप में अक्षत रखना उसकी एक व्यवस्था मात्र है।

इस परंपरानुसार इन अक्षत का मुख्य उद्देश्य आपको अयोध्या आने का निमंत्रण देना ही है। अब 22 जनवरी को सभी आमंत्रित लोग अयोध्या आनेवाले नही है । इसलिए भविष्य में जब कभी जाना हो तब इन अक्षतों को साथ लेकर जाना और प्रभु श्री रामजी की मूर्ति पर चढ़ाना। तब तक इन्हें संभालकर रखना। इसके लिए आपके घर के मंदिर से योग्य और कोई स्थान नही है। वहा रखतें समय " हम सभी जल्दी ही सपरिवार मोक्षभुमि अयोध्या में प्रभू श्रीरामजी के दर्शन के लिए निश्चित ही आएंगे " ऐसा संकल्प करके रखें।

जो ऐसा नहीं कर सकते वह क्या कर सकते हैं? प्रथम - यह अक्षत अभिमंत्रित होने से अपने पुजा घर में स्थायी रूप से रख कर प्रभू श्री राम की अयोध्या से आई हुई निशानी/प्रतीक के रूप नित्य पूजन कर सकते हैं।

जिन्हें ऐसा भी नही जमता है वह क्या कर सकते हैं ? - उन्होंने २२जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के समय घर के अथवा नज़दीक के किसी भी मंदिर में किसी भी भगवान की मूर्ति पर चढ़ाना जिससे वह फिर से अपने मूल ईश्वरीय रूप में विलीन हो जाएंगे।

। जय श्री राम ।

रविवार, नवंबर 26

फेंको मत, फेंकें नहीं हमें दे "आश्रय पालना" आगरा मे

आगरा राजकीय मेडिकल कॉलेज में भारत का इगहोतरवा और उत्तरप्रदेश का तीसरा आश्रय पालना स्थल "अनचाहे नवजात शिशुओं के जीवन रक्षार्थ" महेशाश्रम, मां भगवती विकास संस्थान, उदयपुर द्वारा अपने "जीवन संरक्षण अभियान" के तहत आदरणीय श्री राहुल जी अग्रवाल, प्रबंध निदेशक, पैसिफिक ग्रुप के आर्थिक सहयोग से स्थापित किया गया। जिसका उद्घाटन 21 अप्रैल 2023 को किया गया जिसका लोकार्पण माननीय कैबिनेट मंत्री, उच्‍च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, उत्तरप्रदेश श्री योगेन्द्र उपाध्याय जी द्वारा किया गया। इस अवसर पर आदरणीय श्री श्याम जी भाई साहब, प्रांत सह मंत्री, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बौद्धिक प्राप्त हुआ।

आदरणीय आनंद जी भाई साहब, विभाग प्रचारक एवम् आदरणीय राम जी भाई साहब, भाग प्रचारक का समस्त स्वयंसेवकों के साथ, एबीवीपी के प्रांत संगठन मंत्री भाई श्री आशीष जी का समस्त साथियों के साथ, प्रिंसिपल राजकीय मेडिकल कॉलेज, आगरा आदरणीय डाक्टर प्रशांत जी गुप्ता भाई साहब का अपने समस्त साथियों के साथ 'विशेष रूप से डॉक्टर कमल जी भारद्वाज' का पारिवारिक रूप से आत्मिक स्नेह एवम् साथ प्राप्त हुआ। 

आगरा आश्रय पालना स्थल में स्थापना के अगली ही रात्रि एक नवजात कन्या का "गुप्त सुरक्षित परित्याग" किया गया। 

ध्यान से देखिए अपनी बेटी को, "आश्रय पालना" में कितनी सुकून से सो रही हैं। जैसे की उसे यह अच्छे से अहसास हैं की अब वह पूर्ण रूप से सुरक्षित हाथों में हैं और अब उसे स्नेह के साथ जीने का भी और बढ़ने का भी पूर्ण अवसर प्राप्त होगा।

महेशाश्रम, मां भगवती विकास संस्थान द्वारा संचालित जीवन संरक्षण अभियान की यह मुहिम उत्तरप्रदेश में भी सफलता की ओर अग्रसर हैं। विश्वास हैं सामूहिक प्रयासों से हम जल्दी ही सम्पूर्ण उत्तरप्रदेश में हर उस मासूम तक पहुंचने में सफल होंगे जिन्हें हमारी जरूरत हैं, जिनकी हमे जरूरत हैं, जिनसे हम हैं।

फेंकें नहीं हमें दे फेंकें नहीं हमें दे .... महेशाश्रम जीवन संरक्षण अभियान





शनिवार, नवंबर 25

आपका वोट महत्त्वपूर्ण है। मतदान अवश्य करें।

       मतदान अवश्य करें ...

क्योंकि

2008 में राजस्थान की नाथद्वारा सीट से सी. पी. जोशी मात्र एक वोट से चुनाव हार गय थे। उनके ड्राइवर को वोट डालने का समय नहीं मिला।

क्योंकि

1776 में अमेरिका में एक वोट ज्यादा मिलने से जर्मन भाषा के स्थान पर अंग्रेज़ी राजभाषा बनी।

क्योंकि

1999 में वाजपेयी सरकार मात्र एक वोट से गिर गयी थी। आपके एक वोट की ताकत जब सरकार तक गिर गई

1999 : जब अटल को छोड़ना पड़ा पीएम पद

केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की गठबंधन सरकार थी। सरकार बने 13 महीने ही बीते थे कि सहयोगी दल एआईएडीएमके ने समर्थन वापस ले लिया। सरकार को सदन में विश्वास मत साबित करना पड़ा। जिसमें पक्ष में 269 और विपक्ष में 270 वोट पड़े। महज एक वोट के कारण वाजपेयी सरकार गिर गई।

क्योंकि

1917 में सरदार पटेल अहमदाबाद म्यूनसिपल कारपोरेशन का चुनाव मात्र एक वोट से हार गये थे।

क्योंकि

1923 में एक वोट ज्यादा मिलने से हिटलर नाजी़ पार्टी का प्रमुख बना ओर हिटलर युग की शुरुआत हुई।

क्योंकि

1875 में फ्रांस में मात्र एक वोट से राजतंत्र के स्थान पर गणतंत्र आया।

आपका वोट महत्त्वपूर्ण है। मतदान अवश्य करें।

शुक्रवार, नवंबर 24

मतदान के लिए निर्वाचक पहचान पत्र के अतिरिक्त 12 अन्य दस्तावेज मान्य

क्या आप जानते हैं कि अगर आपके पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है फिर भी आप वोट दे सकते हैं आईए जानते हैं वह कौन से डॉक्यूमेंट है जिनके आधार पर भी हम वोट का प्रयोग कर सकते हैं।

राज्य विधानसभा आम चुनाव 2023 के लिए आगामी 25 नवम्बर को होने वाले मतदान में निर्वाचक फोटो पहचान पत्र की उपलब्धता के अभाव में भी मतदाता वैकल्पिक पहचान दस्तावेज दिखाकर वोट डाल सकेंगे।।

1. आधार कार्ड।

2. मनरेगा जॉब कार्ड।

3. ड्राइविंग लाइसेंस।

4. पैन कार्ड ।

5. भारतीय पासपोर्ट ।

6. फोटो युक्त पेंशन दस्तावेज।

7. बैंक और डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक।

 8. श्रम मंत्रालय द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड।

9. एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड।

10. केंद्र और राज्य सरकार, लोक उपक्रम, पब्लिक लिमिटेड कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी फोटो युक्त सेवा पहचान पत्र

11. सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के राजकीय पहचान पत्र।

12. समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी यूनिक डिसेबीलिटी आईडी कार्ड।

शुक्रवार, जून 23

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सुगना फाउंडेशन और अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर आगरा में लगाए गए कई स्थानों पर योग शिविर

हेलो दोस्तों एक बार फिर से आप सभी के बीच अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष पर सुगना फाउंडेशन इंडिया कहीं प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ मिलकर आगरा में कई स्थानों पर योगा कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रुप से डॉक्टर मदन प्रताप सिंह राजपुरोहित योगाचार्य आरबीएस मैनेजमेंट टेक्निकल केंपस आगरा, श्रीमती रेखा कवर, सुगना भवन सेक्टर 7 आवास विकास कॉलोनी, आगरा, डॉक्टर मदन प्रताप सिंह राजपुरोहित योगाचार्य डॉ टंडन नर्सिंग कॉलेज फतेहपुर सीकरी आगरा, श्रीमती आर्निका महेश्वरी योगाचार्य गांव सुनारी आगरा, आगरा श्रीमती नीमा सिंह योगाचार्य राजकीय प्राथमिक विद्यालय पटोली, बिचपुरी आगरा, श्रीमती रुचि वाधवा राजकीय हाई स्कूल प्रांगण गांव लालघड़ी, दयालबाग आगरा, दीपक सिंह योगाचार्य गुरु तेग बहादुर शाखा राष्ट्रीय सेवक संघ आगरा, दक्ष प्रताप सिंह योगा स्पोर्ट्स खिलाड़ी रूई की मंडी शाहगंज आगरा, श्रीमती रेखा भटेले लालपत कुंज पार्क खंदारी आगरा, योगाचार्य / योग परीक्षक शौर्य प्रताप (सवाई) सिंह राजपुरोहित, गाँव नगला तल्फ़ी, दयालबाग आगरा आदि स्थानों पर सम्मानित सदस्यो द्वारा योग कराया गया। 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष पर मेरे द्वारा योग कार्यशाला 

माननीय राज्यपाल महोदया के निर्देशो के क्रम में गोद लिए गाँव नगला तल्फ़ी, दयालबाग आगरा में 9वे विश्व योग दिवस के अवसर पर सुगना फाउंडेशन एवं डॉ बी आर अंबेडकर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में योगाचार्य / योग परीक्षक शौर्य प्रताप (सवाई) सिंह राजपुरोहित द्वारा योगाभ्यास कराया गया । 
इस योग कार्यशाला में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। 
इस मौके पर डॉ बी आर अंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ श्री ओम प्रकाश (परीक्षा नियंत्रक डॉ भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय) कार्यक्रम समन्वयक डॉ राजीव वर्मा (समाज कार्य विभाग, समाज विज्ञान संस्थान ) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि के द्वारा योग परीक्षक को शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया। 

योग परीक्षक सवाई सिंह ने ग्रामीणों की स्वास्थ के लिए योगा के महत्व के विषय में समझाया व योगा को अपने दैनिक जीवन में अपनाने की सलाह दी। 
योग कार्यक्रम में डॉ B R अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा के छात्र सूरज इन्दौलिया, पूजा ,समीक्षा, रमा, सत्यम, आयुषी, सुमित, रिया, अरुन आदि उपस्थित रहे।

 विशेष सहयोग मिला










जिनको सहभागिता प्रमाण पत्र अगर नहीं मिला है तो वह कृपया हमारे व्हाट्सएप नंबर 9286464911 पर संपर्क करें या डॉक्टर मदन प्रताप सिंह राजपुरोहित से संपर्क कर 9219666141 ताकि आपको बता दिया जाए कि यह सर्टिफिकेट डाउनलोड कैसे होगा। 


शुक्रवार, मई 12

दीपांशु ने मां के प्रति जो प्रेम दिखाया है वह आज के समय बहुत कम लोगों में ही देखने को मिलता है

 मां के प्रति प्रेम को दर्शाती यह खबर 

खबर झारखंड की राजधानी रांची से हैं यहां एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने वह करके दिखाया है जो आप और हम सोच भी नहीं सकते जहां एक और निजी अस्पतालों में लूट की आए दिन खबरें आती है वही रांची से डॉक्टर विकास की बहुत ही शानदार पहल देखने को मिलती है क्या है पूरी खबर जानते हैं। 

बिहार के गया जिले से रहने वाले दीपांशु नाबालिग लड़के ने मां के प्रति अपने प्रेम को जाहिर कर सभी का दिल जीत लिया है खबरों के मुताबिक इस नाबालिग लड़के के पिता नहीं हैं और जब बच्चे की मां बीमार हुईं तो पैसे की तंगी से परेशान लड़के ने अपनी ही किडनी बेचने का फैसला कर लिया. इसके लिए वह रांची के रिम्स अस्पताल के पास के एक निजी अस्पताल में किडनी बेचने पहुंच गया. जहां नाबालिग लड़के की मुलाकात इस दौरान एक शख्स से हुई जिसने रिम्स के डॉ. विकास से करा दी. डॉ. विकास ने नाबालिग से कहा कि वह अपनी मां को रिम्स लेकर आए, यहां उनका निशुल्क इलाज किया जाएगा.

आज कल एक और तो डॉक्टर और अस्पताल ऐसे भी हैं जो मरीज को क्या उसके घरवालों को भी लूट लेते है। ज्यादातर अब तो सरकारी अस्पताल में भी विवशता ठीक है और मरीज उसका लाभ भी ले रहे हैं लेकिन ये प्राइवेट अस्पताल बहुत लूटते हैं अगर कोई मरीज मर भी जाता है तो ये प्राइवेट अस्पताल उनके घरवालों से पैसे हड़पते हैं बिना पैसे के तो लाश भी नहीं दी जाती है बहुत लूटते हैं। उस बीच में अगर ऐसी खबर आती है तो वाकई में दिल को बहुत खुशी मिलती है हॉस्पिटल के डॉक्टर विकास जी और उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं आप ऐसे ही समाज उत्थान में अपना योगदान देते रहें और दीपांशु ने मां के प्रति जो प्रेम दिखाया है वह आज के समय बहुत कम लोगों में ही देखने को मिलता है।  

ट्विटर पर डॉक्टर विकास जी द्वारा शेयर की गई इस पोस्ट को आप देख सकते हैं। इस स्क्रीनशॉट पर क्लिक करें और आपकी डॉक्टर साहब की बॉल पर पहुंचकर इस वीडियो को देख सकते हैं



शनिवार, दिसंबर 10

दुनिया में आशीष सर जैसे लोग बहुत कम ही पैदा होते है I

दोस्तों भगवान हम सभी के जीवन में कहीं ना कहीं कभी ना कभी ऐसे शख्स को जरूर भेजते है जो हमारे जीवन को बिल्कुल परिवर्तन कर के लिए भेजते हैं और वह किसी भी रूप में हो सकता है पिता के रूप में, मां के रूप में, भाई के रूप में, दोस्त के रूप में, जीवन साथी के रूप में, एक वरिष्ठ सहयोगी के रूप में और भी बहुत सारे रूपो मे भगवान हमें किसी ना किसी से जरूर मिलाता है जो हमारे जीवन में अचानक से एक परिवर्तन लेकर आता है । कई बार हम ऐसे व्यक्ति को पहचान लेते हैं और कई बार हम पहचान के भूल जाते हैं या अन्य शब्दों में कहूं कि हमें उन की वैल्यू नहीं समझते.. और वो जल्द ही हम लोगों से दूर भी हो जाते हैं लेकिन हमें वह सीख हमेशा अच्छी ही देकर जाते हैं। और ऐसे व्यक्तित्व पर मैंने हमेशा कुछ ना कुछ लिखने का प्रयास किया है। 

मेरे जीवन में भी एक ऐसे ही शख्सियत से मिलना हुआ । जिन्होंने बहुत ही कम समय में मेरे जीवन पर इतना अच्छा प्रभाव छोड़ा है कि शायद मैं जीवन में या अपने कैरियर में ऐसे व्यक्ति से कभी नहीं मिला जी हां मैं बात कर रहा हूं श्रीमान आशीष शर्मा जी स्टोर मैनेजर रिलायंस ट्रेंड्स आप ने 28 अगस्त 2022 को स्टोर ज्वाइन किया। 

मैं अपने रिटेल कैरियर के 8 सालों की बात करूं मुझे इनके मुकाबले जिंदादिली इंसान नहीं देखा। आपके साथ काम करके मुझे वाकई एक सुखद अनुभव की अनुभूति होती है आपने हर बार कुछ नया सीखने को मिल रहा है खास करके आप परिवार को लेकर जो उदाहरण प्रस्तुत करते हैं वह बातें ही दिल को छू जाते हैं कई बार तो रोना तक आता है आप टीम को जिस प्रकार एकजुटता के साथ काम करवाते हैं। 

 वह वाकई में अब तक किसी स्टोर मैनेजर के अंदर वह काबिल मैंने नहीं देखी यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव ही नहीं मेरे साथ काम करने वाले अन्य मित्रों का और मेरे सहयोग का भी यही विचार है आपके आने के बाद मेरे जीवन में काफी कुछ परिवर्तन आया है मेरी सोचने की क्षमता में काफी कुछ परिवर्तन हुआ है । यह सिर्फ आपका विश्वास ही है जो आपने मुझे इस काबिल समझा और कुछ जिम्मेदारियां आपने मुझे दी मैं आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास के साथ भरोसा देता हूं कि मैं सदैव उन पर खरा उतरूंगा। मुझे कभी भी यह नहीं लगा कि मैं सिर्फ स्टोर का स्टाफ मुझे हमेशा यह लगा कि एक परिवारिक सदस्य के रूप में मैं कार्य कर रहा हूं। आपने कुछ कम समय में ही स्टोर के सभी सदस्यों का दिल जीत लिया है आपके साथ काम करके सब का मनोबल बढ़ा है इसमें कोई दो राय नहीं है। हालांकि आपके साथ काम करने का मौका हमें बहुत ही कम मिला लेकिन जो मिला वह वाकई में एक यादगार लम्हा है भविष्य में हम कभी किसी प्लेटफार्म पर एक साथ काम करेंगे ऐसी मै दिल ही तमन्ना रखता हूं आपसे मैंने बहुत कुछ सीखा है और आपने मुझे बहुत कुछ सिखाया है । 

आपके द्वारा दिया यह सबक मुझे सदैव याद रहेगा। 

"लोगों पर आंखें बंद करके भरोसा मत करो"

मुझे याद है वह दिन 23 नवंबर 2022 वाला सबक जीवन भर याद रहेगा। कि लोगों पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए आपने किस प्रकार मेरे आंखों से ऊपर लगी पट्टी को हटाया है। अगर उस दिन सच मेरे सामने नहीं आता तो मैं शायद और धोखे खाता। हर बार जो हम देखते हैं वह सच नहीं होता या जो हम हमें बता रहा होता है ना वह सच होता है सच कुछ और ही होता है जब तक हमें सच नहीं मालूम होता है हम हमेशा गलत ही सोचते हैं। लेकिन आपका यह सच मेरे जीवन में बातें ही बहुत परिवर्तन लेकर आया उसके बाद मैंने लोगों के प्रति सोचने का नजरिया काफी हद तक बदल दिया है मैं वास्तविकता को पहचानने का कुछ हद तक प्रयास कर रहा हूं। वैसे तो आपके बहुत सारे सबक मेरे जेहन में है जो आपने दूसरों को दिए हैं लेकिन उन्होंने शायद अपने जीवन में नहीं उतारा लेकिन मैं उसे अपने जीवन में उतारने का हर संभव प्रयास कर रहा हूं शायद इतना तो कोई अपने परिवार के सदस्य भी नहीं समझा सकते । जितना आपने उन लोगों को समझाया है लेकिन फिर भी वह आज भी वही कर रहे हैं जो उन्हें नहीं करना चाहिए । आपने सदैव लोगों के हित में ही कुछ ना कुछ बताया होगा। क्योंकि अब तक मैं ऐसे लोगों के साथ भी काम किया जिनका कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर था लेकिन आप बिल्कुल विपरीत हैं आप जो कहते हैं वास्तविकता में ऐसे ही हैं आप की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। मैंने बहुत करीब से आपको देखा है आपके विचारों को समझा है आप बिल्कुल अपने पिताजी की दी हुई शिक्षा का सदुपयोग कर रहे हैं उनके दिखाए हुए मार्ग पर चल रहे हैं और लोगों को भी एक अच्छे मार्ग पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। लोगों को लग रहा होगा इसमें कोई आपका हित है जबकि  ऐसा कुछ भी नहीं है। मैं प्रभु से सदैव प्रार्थना करूंगा आप सदैव खुश रहें...आप जैसे इस दुनिया मे बहुत कम् है भगवान आपको हमेसा स्वस्थ रखे....


श्रीमान अतुल कुशवाहा जी सर

श्रीमान यशपाल सिंह जी सर

वैसे तो मैं कई स्टोर मैनेजर डिपार्टमेंट मैनेजर ओं के साथ काम किया है लेकिन अब तक के इस कैरियर में मुझे सिर्फ श्रीमान अतुल कुशवाहा जी,  श्रीमान यशपाल सर और श्रीमान आशीष शर्मा जी ने दिल से प्रभावित किया। हालांकि यह सच है कि मुझे आप लोगों के साथ काम करने का मौका बहुत कम मिला लेकिन जो भी मिला वह वाकई अविश्वसनीय है। 

नीचे दिए गए लिंक पर जाकर आप श्रीमान यशपाल सर के ऊपर लिखा मेरा यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं एक अद्भुत विदाई

https://sawaisinghrajprohit.blogspot.com/2021/03/Dil.ki%20baat%20apke.sath.html

आपका सवाई सिंह राजपुरोहित (एसएम सीरीज 3)

चलते-चलते कुछ यादगार लमहे आप के साथ शेयर कर रहा हूं फोटो के माध्यम से... 






















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