आदरणीय, सज्जनों, जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत में गाय माता की महिमा तो अपार है जिसका उलेख शास्त्रों और पुराणों में वर्णित है संत महात्माओ ने गो माता की महिमा के सम्बन्ध में अनेको व्याख्यान दिए है ! लेकिन आज भारत के अनेक राज्यों में कसाईखाने चल रहे है इसके पीछे कारण साफ़ है दरअसल जिस तेजी के साथ भारत गो-मांस का निर्यात कर रहा है, उसे देख कर अनेक देश यह अंदाज़ा लगा रहे है, कि अब भारत अहिंसक-भारत नहीं रहा,यह नैतिकता, करुणा, अहिंसा, मानवता, जीवन-मूल्य इन सबकी रोज ही तो हत्याएं होती रहती है. गाय को जो देश में गो माता कहते है जहाँ के भगवन(श्री कृष्ण) गायों के दीवाने थे, वह देश आज दुनिया का सबसे बड़ा माँस-निर्यातक बना बैठा है वास्तव में जो लोग गो मांस खाने वाले है या गो मांस खाते है वे अपने माता और पिता (गाय और बैल) को मार रहे हैं और वो पापी है इसलिए भगवन उनको उनके पाप की सजा जजुर देगा और दंड होना भी चाहिए ताकि कोई और गो माता की ह्त्या न कर सके!
एक बात और लोग पशु पर अत्याचार इस लिए क्रूरता मांस, कपड़े और सामान सहित विभिन्न प्रस्तुतियों के लिए उनकी हत्या की मांस से अधिक मूल्य अक्सर, उनके चमड़े के द्वारा उत्पादों का निरमा होता है और असंख्य कॉस्मेटिक और घरेलू उत्पादों के लिए किया जाता है. अनिहे जानवरों को भी बेरहमी से अत्याचार और अंत में मारे गए प्रयोगों और अनुसंधान के लिए. पशु की ऐसी पीड़ा के लिए कोन जिमेदार है कही हम तो नहीं
ऐसी कंपनियों जिनके उत्पाद गो की हत्या या जानवरों के चमड़े के द्वारा बनाई गई है
जैसे :- सौंदर्य प्रसाधन, शौचालय की तैयारियाँ और भी डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों और भी उत्पादों को इस में आप शामिल कर सकते हो जो कंपनियों अपना अच्छा विश्वास बना चुकी है और वे चंद लाभ के लिए ऐसा करती है!
हमें भी एक संकल्प लेना पडेगा की अपने स्तर पे जहाँ तक संभव हो!
गौ हत्या या जानवरों के चमड़े के द्वारा बनाई गई वस्तुओ का परियोग हम नहीं करेगे ! और गो माता को सम्मान देंग!
आप नीचे एक पोस्टर देख सकते है जिस में गो हत्या से बनाई गई वस्तुऐ है! जिनका परियोग अब हमें नहीं करना है !
आप संकल्प लेते हो ना...................सोचो नहीं .....
गाय को माता दिल से मानिए
|
गाय माता की भूमिका हमारे जीवन में <--------------------------------------------->
गो माता में देवता का निवाश है देखा है ना सच है ना |
धार्मिक अनुष्ठानों में गाय माता की महत्ता:-
1 गाय को दैविक माना गया है !
2 अगर दिन गाय की पूजा से शुरू होता है !
3 गाय को खिलाना और उसकी पूजा करना दैविक अनुष्ठान है !
4 पारिवारिक उत्सवों में गाय की प्रधानता है !
5 ऐसे अनेक त्योहार हैं जहाँ गाय प्रमुख होती है !
6 देवताओं के शृंगार में मक्खन का प्रयोग होता है !
7 पंचगव्य से सफाई और शुद्धि की हमारी परंपरा है !
8 भगवान की मूर्तियों को दूध, दही और घी से स्नान कराते हैं !
9 भगवान के प्रसाद में घी और दूध डाला जाता है !
10 पवित्र प्रदीप प्रज्जवलन हेतु हम घी का प्रयोग करते हैं और देवताओं को भी घी का नैवेद्य चढ़ाते हैं !
औषधि रूप में गो उत्पाद:-
विश्व स्वास्थ्य संगठन स्वास्थ्य को शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और सामाजिक पूर्णता का सम्मिश्रण मानता है । उसका यह भी अनुमान है कि 2020 तक जीवाणु (बैक्टीरिया) एंटीबायोटिक्स के प्रभाव से मुक्त हो जायेंगे । पर हमें इसका भय नहीं है । हम पंचगव्य दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर पर भरोसा कर सकते हैं । यह सब अलग-अलग और एक सम्मिश्रण के रूप में श्रेष्ठ औषधीय गुण रखते हैं, वह भी बिना किसी परावर्ती दुष्प्रभाव (साइड एफेक्ट) के । इसके अतिरिक्त यदि हम कोई अन्य औषधि ले रहे हैं तो पंचगव्य एक रासायनिक उत्प्रेरक (कैटलिस्ट) का काम करता है! प्रचीन आयुर्वेद शास्त्र बताते हैं कि गोमूत्र सेव्न से रोग प्रतिरोधक क्षमता 104 % तक बढ़ जाती है!
गो आधारित कृषि के लाभ :-
भारतीय कृषि में विविधता है! ऐसा कोई कृषि उत्पाद नहीं है जो हम नहीं उगाते ! हमारी भूमि पर हर प्रकार के अन्न, दालें, सब्जियाँ, फल, कपास और रेशम पैदा होते हैं । हमारी 60% से अधिक आबादी का पेशा
खेती है । इनमें से अधिकांश का एक या दो एकड़ भूमि वाले छोटे किसान हैं !
हमारी कृषि भूमि भू-संरचना, मिट्टी के प्रकार और गुणों, सिंचाई के तरिकों और फसलों की संख्या के मामले में विविध और जीवंत है ! मवेशी इस विशाल कृषि चित्र-पटल के अभिन्न अंग हैं ! हम बैलों का जुताई, कटी फसल की ढुलाई, सिंचाई के कामों में, गोबर का खाद के और गोमूत्र का कीट नाशक के रूप में उपयोग करते हैं ।
परिवहन में पशुओं की भूमिका:-
भारत के 6 लाख गांवों में से बहुतों में यातायात योग्य डामरवाली सड़कें नहीं हैं! पहाड़ी क्षेत्रों में जहाँ घोड़े कदम नहीं रख सकते, बैल आसानी से गाड़ियाँ खींच सकते हैं !
गो माता पर आधारित और भी कई लाभ है !
जैसे :- पारिसारिक, आहार, उद्यम, युद्ध क्षेत्र, भावनात्मक स्थर,अर्थ व्यवस्था और भी कई लाभ है !
ये दो लाइन किसी के द्वारा भेजी गई है!
"ये कभी मत सोचो की ईश्वर हमारी दुआएँ तुरंत नहीं सुनता....
ये शुक्रिया करो की वो हमारी गुनाहों की सजा उसी समय तो नहीं देता हमें"
और अंत में एक अपील {{निवेदन}}:-
विश्व शांतिपूर्ण के लिए गो माता की हत्या और जानवरों की हत्या बंद करो और एक शाकाहारी बन जाओ!आभार
गौ ग्राम
निवेदन करने वाले
!! आप और हम!!
वैसे अगर गौ माता की मृत्यु के बाद इन सब चीज़ों का निर्माण होता है तो इनके उपयोग में बुराई क्या है...
जवाब देंहटाएंपहले मुझे इस सवाल का जवाब दें...
जिसको आप गौ माता कि हत्या के बाद मान रहे हैं दरअसल वही गौहत्या के कारणों में भी इजाफा करता है ! कत्लखानों में गौ को मारा जाता है और उसका मांस तो बिकता ही है साथ में बाकी अवशेष भी इन उत्पादों के लिए बिकते हैं जिससे कत्लखानों वालों को फायदा ज्यादा होता है जिसके कारण वो अपने फायदे के लिए ज्यादा से ज्यादा गौहत्या करते हैं !
हटाएंआदरणीय शेखर सुमन जी
जवाब देंहटाएंआपकी बात सही है लेकीन गो माता तो माता है!
आप बहुत सार्थक और प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं।
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं।
आदरणीय महेंद्र वर्माजी
जवाब देंहटाएंप्रणाम
मैं आपका आभारी हूँ जो आपने मेरे विचारों से कुछ सहमती जताई और इसके लिए धन्यवाद
इस बेहतरीन लेख के लिए आपको बधाई। बहुत ही सार्थक सन्देश एवं अपील है। उम्मीद है लोग इस पर गौर करेंगे।
जवाब देंहटाएंआदरणीय डॉ.दिव्याजीजी
जवाब देंहटाएंप्रणाम
उम्मीद है लोग इस पर जल्द गौर करेंगे और गौ माता की ह्त्या बंद हो!
ऐसी कामना करता हु! शुभकामनाओं सहित.......
सवाई जी नमस्कार,
जवाब देंहटाएंबहुत ही गहराई से कुछ अहम् बिन्दुओं पर प्रकाश डाला है आपने इस लेख के जरिये
आपकी अपील पर मिली इन ढेरों सकारात्मक प्रतिक्रियाओं से एक बात तो पूरी तरह साफ़ हो गई है कि अच्छे लेखन के कद्रदानों की कमी भारत में नहीं है! मैं भी आपकी इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ की गौ ह्त्या से बने उत्पादन का प्रियोग नहीं करना चाहिए जिस से गौ ह्त्या सोतेही बंद हो जाएगा!
जवाब देंहटाएंहम सही को सही और गलत को गलत कहने वालो में चुनिन्दा नामो में शामिल है और रहेंगे!आपके साथ मैं पहले भी था अब भी हूँ और आगे भी रहूँगा ऐसा वचन देता हूँ!ओके जी ढेर सारी बधाई और शुभकामनायें......
जवाब देंहटाएंआपका प्रयास सराहनीय है आपकी पोस्ट को पढकर मैने भी एक गाय पालने का मन बना लिया है
जवाब देंहटाएंआप बहुत सार्थक और प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं। उम्मीद है लोग इस पर गौर करेंगे और गौ हत्या को बंद करने में सहायक होंगे| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंआप मेरी बात समझे नहीं शायद..मेरा कहना सिर्फ इतना है की गौ की मृत्यु के बाद क्या करें ????
जवाब देंहटाएंठीक वैसे ही जब हमारी अपनी मृत्यु के बाद नेत्र दान या ह्रदय दान करने से किसी का कुछ भला होता है तो इसमें बुराई क्या है...???
हाँ हत्या नहीं होनी चाहिए...
बहुत उम्दा संदेश दिया है. सवाल उपयोगिता से उपर धार्मिक आस्था और मानवीय संवेदनाओं का है.
जवाब देंहटाएंअच्छा प्रशंसनीय आलेख.
अन्तरार्ष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ|
जवाब देंहटाएंजय हिंद जय हिंद जय हिंद
आदरणीय शेखर सुमन जी
जवाब देंहटाएंआपकी बात सही है अगर गौ माता की मृत्यु के बाद इन सब चीज़ों का निर्माण होता है तो उसके उपयोग में बुराई तो कुछ नहीं है लेकीन हम गौ माता की मृत्यु के बाद जब इन सब चीज़ों का निर्माण होता है और हमें इन वस्तुओ का उपयोग नहीं करेगे तो गौ ह्त्या बंद हो सकती!
जब मार्केट में कोई वस्तु नहीं बिकती है तो उसका उत्पादन बंद हो जाता है! और फिर गौ ह्त्या सोतेही बंद हो जाएगी!
सोनूजी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई! यह मेरा सौभाग्य है शायद मेरा अधिक जोश ही मुझसे इस प्रकार के पोस्ट या प्रतिक्रियाएं लिखवा डालता है! आपकी सारी बातें मेरे लिए अगली पोस्ट को और अच्छा बनाने में मेरी मदद करेंगे ! आपका धन्यवाद..... सवाई
जवाब देंहटाएंआदरणीय दीपक सैनी जी
जवाब देंहटाएंPatali-The-Village जी
शेखर सुमनजी
समीर लालजी {उड़न तश्तरी}
मैं आपका आभारी हूँ जो आपने मेरे विचारों से कुछ सहमती जताई और इसके लिए धन्यवाद
सवाई भाई,
जवाब देंहटाएंएक बहुत ही गंभीर विषय पर उससे गंभीर प्रयास के लिए आपको बधाई के पात्र हैं.
गौ ह्त्या से जुडे बहुत ही महत्वपूर्ण सवालों को आपने अपने लेख में उठाया हॆ और आपने एक अच्छी शुरुआत की हॆ.धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंयोगेन्द्र भाई,
जवाब देंहटाएंआपने अपना क़ीमती वक़्त निकाल कर यह लेख पढ़ा और प्रतिक्रिया दी इसके लिए शुक्रिया|
आदरणीय मनप्रीत कौरजी आपने हमारा हौसला बढाऐ और हमें भी धन्य और प्रतिक्रिया दी इसके लिए शुक्रिया....सवाई
जवाब देंहटाएंDear Sir
जवाब देंहटाएंVery Nice
बहुत सुन्दर सार्थक और ग्यानवर्द्धक पोस्ट है। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंभाई राजेन्द्र सिंह
जवाब देंहटाएंयह लेख पढ़ा और प्रतिक्रिया दी इसके लिए शुक्रिया|
आदरणीय निर्मला कपिलाजी
जवाब देंहटाएंप्रणाम
आपने अपना कीमती समय "गौ ह्त्या के चंद कारण और हमारे जीवन में भूमिका" को पढ़ने के लिए दिया उसके लिए आपका तहे-दिल से आपका शुक्रिया करता हूँ!
भाई सवाई जी
जवाब देंहटाएंआप एक प्रशंसनीय कार्य कर रहे है.वास्तव में गो हत्या आत्म -हत्या के सामान है. गौमाता हम पर नहीं, हम गोमाता पर निर्भर हैं
.यहाँ कर्नाटक में भाजपा सरकार ने गो-धन वध निषेध कानून बनाया जिसे राज्यपाल ने अडंगा लगाकर फ़िलहाल पारित नहीं होने दिया है. राजभवन से कहा गया था क़ि विधेयक राष्ट्रपति भवन भेजा गया है. हाल ही सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मिली क़ि विधेयक लगभग ५ माह के बाद भी राष्ट्रपति भवन नहीं पहुंचा है.आखिर कहाँ गया विधेयक? लेकिन जब तक हर हाल में, हर कीमत पर अपनी राजनैतिक रोटियां सकने क़ि कोशिश करनेवाले लोग्मौजूद है.मुश्किल है क़ि गोवध रुके.लेकिन आप जैसे युवाओं का अभियान कहीं न कहीं हमें आशान्वित करता है.
आपने तो मेरी रोज़ी रोटी को ही आपना लेख बना लिया है
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआदरणीय संतोष पाण्डेयजी
जवाब देंहटाएंनमस्कार
आपकी बात सही है! आपका आशीर्वाद मिला! मै तो धन्य हो गया! मेरी कोशिश रहेगी आपकी उम्मीदों पर खरा उतरने की और मेरे पोस्ट पर आने और टिप्पणी करने के लिए और अपने विचारों से हमें अवगत कराया!
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद और शुक्रिया....
आदरणीय शेखर सुमन भाई,
जवाब देंहटाएंयदि आपको मेरी कोई बात बुरी लगी हो या मेरे लेखन में कोई त्रुटी हो तो अवश्य सूचित करना!
मेरा उदेसीय सिर्फ इतना है की गौ माता की ह्त्या बंद हो! और कुछ नहीं !
आपके सहयोग एवं स्नेह का सदैव आभरी हूँ आपका सवाई ….. धन्यवाद.
मैं हत्या की नहीं प्राकृतिक मृत्यु की बात कर रहा हूँ...
जवाब देंहटाएंअगर गौ माता की प्राकृतिक मृत्यु के बाद इन सब चीजों का निर्माण हो रहा है...तो इसके उपयोग में क्या बुराई है...?????
मुझे आप खुद ही भ्रमित लग रहे हैं...
आपकी दी हुयी तस्वीर में दूध से बनने वाली चीजों की भी तस्वीर है, और आपने उसे गौ हत्या से सम्बद्ध कर दिया है.. अब भला दूध का गौ हत्या से क्या लेना देना है...
एक बात और मैं कोई आदर्शवादी नहीं हूँ, यथार्थवादी हूँ...
चीजों को गोल-मोल घुमा कर भी नहीं कहता ...मैं ऐसा कोई संकल्प नहीं लूँगा कि इन चीजों का प्रयोग नहीं करूंगा...
अब एक सवाल आपसे भी...
क्या आप ऊपर पोस्टर में दी गयी चीजों में से एक भी चीज का उपयोग नहीं कर रहे ?????
जवाब मुझे नहीं अपने आप को दीजियेगा.....
@ शेखरजी,
हटाएंसही है .
इंसान को कथनी और करनी में फर्क रखना चाहिये
सवाई जी आपने अपने लेखों से और टिप्पणियों से
जवाब देंहटाएंब्लागरों से पंगा लिया है वरना ऐसी प्तिकिरिया नहीं आती
बहुत खूब सवाई जी,
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सार्थक पोस्ट है। धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसवाई जी,
जवाब देंहटाएंआपका प्रयास बहुत ही अच्छा है! और बहुत सुन्दर सार्थक पोस्ट है। धन्यवाद।
आदरणीय शेखर सुमन जी
जवाब देंहटाएंमै स्पष्ट करना चाहूँगा की उपर जो पोस्टर में दिखा गाया है वो तो गौ माता के दूध से बन्ने वाली वस्तुए है जिसका तो उपयोग आम आदमी करता है मेरा मतलब उन वस्तुओ से था जो उनके चमड़े से बनती है! मै चमड़े से निर्मित किसी भी वास्तु का उपयोग नहीं करता हूँ और आगे भी उन वस्तुओ का उपयोग नहीं करुगा और मै प्रतिक्रियाओं को देने के विरोध में नहीं हूँ और इस पोस्ट में मैंने ऐसा कुछ भी नहीं लिखा है… मै तो एक अपील कर रहा हूँ और किसी को नाराज नहीं करना मेरा उदेसिये नहीं है!
आपसे एक और बात आप जैसे प्रथिष्ठित लेखकों से सैदेव मार्ग दर्शन का आकांक्षी रहूँगा..... धन्यवाद आपका सवाई
जवाब देंहटाएंमैं कोई प्रतिष्ठित लेखक नहीं हूँ....
और आपको शुभकामनाएं...:) माफ़ कीजियेगा मेरा सहयोग नहीं मिल पायेगा आपके इस प्रयास में......
वैसे आपकी इस पोस्ट पर वाह-वाही करने वाले भी सिर्फ ऐसा कह ही सकते हैं,
पर्स, बेल्ट और जूते तो लगभग सभी के पास होंगे....
उसके आलावा भी कई सामान होंगे जो जो आपने पोस्टर में दिखाए हैं...
वैसे आप पोस्टर एक बार फिर देखें उसमे आपने लिखा है गौ हत्या के चंद कारण.. और उसमे दूध के उत्पाद भी डाल दिए हैं.. आपकी ये गलती न जाने क्यूँ मेरी आखों में खटक रही है...
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआदरणीय शक्ति सिंहजी
जवाब देंहटाएंआदरणीय आपकाजी
आदरणीय शेखर सुमन जी
आप सबका मेरे पोस्ट पर आने और टिप्पणी करने के लिए और अपने विचारों से मुझे अवगत कराया इसे के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद और शुक्रिया....
आप बहुत सार्थक और प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं।
जवाब देंहटाएंआपका आलेख पढ़ा और बहुत पसन्द आया आपने जो गौ माता की ह्त्या पर लेख से बल्कि तथ्यों का जो आकलन और विश्लेषण की कला भी बहुत बढ़िया हैं। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंमेरी ओर से बधाई और होली की मंगलमय कामनाएँ स्वीकारें.
जवाब देंहटाएंराजवीर
हवा के हाथ पैगाम भेजा है
जवाब देंहटाएंरोशनी के जरिये एक अरमान भेजा है
फुरसत मिले तो कबूल कर लेना
इस नाचीज ने
रंगो के त्यौहार पर प्यार भेजा है
शुभ होली।
हमारे जीवन में गो माता का कितना महत्व हैं, ये आज मानव को यह जान लेना बेहद जरुरी हो गया है बहुत सुन्दर भाव और आपका लेख विलम्ब से सही आज पढ़कर अच्छा लगा! ऐसी अनेक बाते जो मुझे अच्छी लगती उसे आपने सहजता से व्यक्त किया आपनेl
जवाब देंहटाएंसवाई आप इस तरह के लेख आपने बलोग पर प्रकाशित करके आप एक पावन यज्ञ कर रहे हैं इस हेतु आपको धन्यवाद देना चाहूँगा…..
जवाब देंहटाएंआप बहुत सार्थक और प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं
जवाब देंहटाएंबहुत ही महत्वपूर्ण सवालों को आपने अपने लेख में उठाया हैं
जवाब देंहटाएंकई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
जवाब देंहटाएंबहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
राजीर सिंह जी
जवाब देंहटाएंआपने अपना कीमती समय "गौ ह्त्या के चंद कारण और हमारे जीवन में भूमिका" को पढ़ने के लिए दिया उसके लिए आपका तहे-दिल से आपका शुक्रिया करता हूँ!
श्री मदन परताप जी
जवाब देंहटाएंआपने इस पोस्ट पर समय निकाल कर अपनी महत्वपूर्ण टिप्पणी दी है
इस हेतु आपका आभार व्यक्त करता हूँ!
मदन परताप जी और इस पोस्ट पर आप का समर्थन मिला है इस हेतु आपको धन्यवाद देना चाहूँगा आपका सवाई
जवाब देंहटाएंश्री संजय भास्करजी पोस्ट की सराहना करने के लिए आपका आभार
जवाब देंहटाएंगो माता केवल हिन्दुओ के लिए ही नहीं है बल्कि समाज के लिए भी बहुत उपयोगी है!
जवाब देंहटाएंइसके लिए मैं हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सार्थक सन्देश और अपील है। उम्मीद है लोग लोगो तक बहुत उपयोगी जानकारी पहुंचेगी.आपको धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंभारातमाता आदर्श गो-ग्राम योजना,ट्रस्ट आपका मेरे बलोग में शामिल होने पर बहुत धनयवाद आपका
जवाब देंहटाएंआप मेरे लिए प्रेरणास्रोत है!
जवाब देंहटाएंआदरणीय उपेन्द्रजी
जवाब देंहटाएं@ R J नरेन्द्र जी
@ सुरेश शर्माजी
@ दीपक जी
@ अवनीश सिंह चौहानजी
@ संतोष कुमार झा जी
@ सुरेन्द्र सिंहजी
@ महेंद्र वर्माजी
@ सुशील बाकलीवालजी
@ दिनेश पारीकजी
आपका सभी का मेरे बलोग में शामिल होने पर बहुत धनयवाद आपका
शालिनी जी आपने अपना क़ीमती वक़्त निकाल कर यह लेख पढ़ा और प्रतिक्रिया दी इसके लिए शुक्रिया|
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया पोस्ट...
जवाब देंहटाएंउम्मीद है... ऐसी पोस्ट्स ही हैं जो लोगों की सोच में बदलाव लाती हैं...
जो लोग आज भी गोउ हत्या में इन्वोल्व हैं वो आगे ऐसा पाप नहीं करेंगें...
पूजाजी
जवाब देंहटाएंउम्मीद है लोग इस पर जल्द गौर करेंगे और गौ माता की ह्त्या बंद हो!
आपने अपना क़ीमती वक़्त निकाल कर यह लेख पढ़ा और प्रतिक्रिया दी इसके लिए शुक्रिया,,,,,
और पोस्ट की सराहना करने के लिए आपका आभार......
आदरणीय सवाई जी
जवाब देंहटाएंआपके आलेख की जितनी प्रशंसा की जाए कम है ..आपने बहुत गंभीरता से विचार किया है ...देरी से आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ ...!
आदरणीय केवल रामजी
जवाब देंहटाएंआपका मेरे पोस्ट पर आने और टिप्पणी करने के लिए और अपने विचारों से मुझे अवगत कराया इसे के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद और शुक्रिया....
आदरणीय केवल रामजी
जवाब देंहटाएंएक निवेदन आपसे करना चाहूँगा की आप मुझे आदरणीय शब्द ना लगाया करे! मैं आपकी तरफ से “आदरणीय” की अपेक्षा नहीं करता हु !
होली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं। ईश्वर से यही कामना है कि यह पर्व आपके मन के अवगुणों को जला कर भस्म कर जाए और आपके जीवन में खुशियों के रंग बिखराए।
जवाब देंहटाएंआइए इस शुभ अवसर पर वृक्षों को असामयिक मौत से बचाएं तथा अनजाने में होने वाले पाप से लोगों को अवगत कराएं।
निजी हित से ऊपर उठकर बात करना वाकई अच्छा है ... अच्छा प्रयास ....धन्यवाद .......
जवाब देंहटाएंहोली की बहुत शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंbahut sunder vichaar .....
जवाब देंहटाएंpar jo gou maans khate hain unko koun roke ......?
एक बेहतरीन लेख है .... आँखे खोलने वाला ... ऐसा करने का प्रयत्न ज़रूर करूँगा ...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत मुबारक हो रंगों का त्योहार ...
दिगम्बर नासव जी….पोस्ट की सराहना करने के लिए आपका आभार…
जवाब देंहटाएंआदरणीय हरकीरत 'हीर जी,
जवाब देंहटाएंमैं आपकी बात से बिलकुल सहमत हूँ ! लेकिन जो लोग गौ माँस खाते हैं उनको तो भगवान देखाता है और एक दिन उसकी सजा भी देगा! हम अपील कर सकते!
धन्यवाद !
आदरणीय मंजुला जी….
जवाब देंहटाएंआपकी अमूल्य प्रतिक्रिया प्राप्त हुई और पोस्ट की सराहना करने के लिए आपका आभार… आपको होली की बहुत शुभकामनाये!
आदरणीय ज़ाकिर अली ‘रजनीशजी आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंआलेख के पीछे आपका उद्देश्य निर्मल एवं सार्थक है ! आपके प्रयास के लिये हार्दिक शुभकामनायें ! होली आप सबके लिये मंगलमय हो यही कामना है !
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया पोस्ट! उम्दा प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत विषद और सार्थक विवेचन...होली की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंआपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी कभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-
जवाब देंहटाएंरंग के त्यौहार में
सभी रंगों की हो भरमार
ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार
यही दुआ है हमारी भगवान से हर बार।
आपको और आपके परिवार को होली की खुब सारी शुभकामनाये इसी दुआ के साथ आपके व आपके परिवार के साथ सभी के लिए सुखदायक, मंगलकारी व आन्नददायक हो।
गायों की रक्षा हो।
जवाब देंहटाएंjiski pooja karte hai us par aesa atyaachar ,ye anuchit hai ,dharm ke virudh hai ,aap sahi disha ki or le jaa rahe hai .badhiya lekh .
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबेनामी जी मुझे लगता है आपको सुमन जी से व्यक्तिगत दुश्मनी है जैसा मुझे आपकी टिप्पणी पढ़ने से लगा। मैं आप से बिल्कुल सहमत नहीं हूं और मुझे लगता है की आपको हमेशा पॉजिटिव चीजों को ही तबज्जो देना चाहिए माफ कीजिए आपकी टिप्पणी ब्लॉग से हटा दी गई है!
जवाब देंहटाएंआदरणीय साधना वैदजी
जवाब देंहटाएंप्रणाम,
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ और आपकी इस उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया को पाकर बेहद प्रसन्नता हुई|
हार्दिक धन्यवाद!
आदरणीय बबली जी
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ और मेरे पोस्ट पर आने,पोस्ट सराहना और टिप्पणी करने के लिए आपका आभार
आदरणीय कैलाश सी शर्माजी और दिनेश पारीक आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ और पोस्ट की सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआदरणीय प्रवीण पाण्डेय जी आपसे मुलाकात शायद पहली बार हो रही है मेरे बलोग पर और आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ
आप सभी का सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा….. धन्यवाद. सवाई
सबसे पहले आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!मैंने आने में जरा देर कर दी इसके लिए माफ़ी चाहूँगी
जवाब देंहटाएंगंभीर सोचनीय.
जवाब देंहटाएंआदरणीय राहुल सिंह जी
जवाब देंहटाएंप्रणाम
इस पोस्ट पर आपकी प्रतिकिरिया मिली
इस हेतु आपका तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा….. धन्यवाद. सवाई
शालिनी जी आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंआदरणीय ज्योति सिंहजी
जवाब देंहटाएंआप ने एक दम सही कहा है की"जिसकी पूजा करते है उस पर ऐसा अत्याचार ,ये अनुचित है ,धर्म के विरुढ़ है "
आपका मेरे पोस्ट पर आने और टिप्पणी करने के लिए और अपने विचारों से मुझे
अवगत कराया इसे के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा….. धन्यवाद. सवाई
Thank you Very Much sawai
जवाब देंहटाएंसार्थक ब्लॉग्गिंग...... गोउ माता पर ज्ञानचक्षु खोलने वाला आलेख.
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं.
गाय सारे राष्ट्र और विश्वकी माता है
जवाब देंहटाएं( ब्रह्मलीन श्रद्धेय स्वामी श्रीशरणानन्दजी महाराज )
1. हम गायकी सेवा करेंगे तो गायसे हमारी सेवा होगी ।
2. शुद्ध संकल्पमें संकल्पसिद्धि रहती है। शुद्ध संकल्पका र्अर्थ क्या है? जिसकी पूर्तिमें लोगों का हित हो और प्रभुकी प्रसन्नता हो, उसको शुद्ध संकल्प कहते हैं। जब संकल्प शुद्ध होता है तो सिद्ध होता ही है, ऐसा प्रभुका मंगलमय विधान है।
3. सेवक कैसा होना चाहिये, इसपर विचार करनेसे लगता है कि सेवक के हृदयमें एक मधुर-मधुर पीड़ा रहनी चाहिये और उत्साह रहना चाहिये तथा निर्भयता रहना चाहिये एवं असफलता देखकर कभी भी निराश नहीं होना चाहिये। सेवक से सेवा होती है, सेवा से कोई सेवक नहीं बन सकता।
4. इस देश में ही नहीं,.समस्त विश्वमें मानव और गायका ऐसा सम्बन्ध है कि जैसा मानवशरीर में प्राण। अब अन्य देशों में गाय का सम्बन्ध आत्मीय नहीं रहा, कहीं आर्थिक बना दिया, कहीं कुछ बना दिया। मेरे ख्यालसे गाय का सम्बन्ध आत्मीय सम्बन्ध है। गाय मनुष्यमात्र की माता है।
5. लोग गायका आर्थिक पक्ष सामने रखकर सोचते हैं कि गाय कि सेवा तनसे और मनसे होना चाहिये। आज हमलोगोंकी ऐसी स्थूल दृष्टि हो गयी है कि धनकी सेवाको बहुत बड़ी सेवा समझते हैं। बहुत बड़ी सेवा तो मन की सेवा है, जिसे हर भाई-बहन कर सकता है।
5. लोग गायका आर्थिक पक्ष सामने रखकर सोचते हैं कि गाय कि सेवा तनसे और मनसे होना चाहिये। आज हमलोगोंकी ऐसी स्थूल दृष्टि हो गयी है कि धनकी सेवाको बहुत बड़ी सेवा समझते हैं। बहुत बड़ी सेवा तो मन की सेवा है, जिसे हर भाई-बहन कर सकता है।
6. हमारा मन और गाय यह एक होना चाहिये। हमारे मन में गाय बस जाय, किसलिये? इसलिये नहीं कि हमको कोई लाभ होगा, पर इसलिये कि अगर विश्व में गाय है तो सात्विक प्राण, सात्विक बुद्धि और दीर्घायुवाली बात पूरी हो सकती है।
7. केवल इसी बात को लेकर कि हमारी संस्कृतिमें गाय है, हमारे धर्म में गाय है, यह सब तो है ही, लेकिन मेरा विश्वास है कि गायका और मनुष्यके प्राणों का बहुत ही घनिष्ट सम्बन्ध है। गाय मानवीय प्रकृति से जितनी मिल-जुल जाती है, उतना और कोई पशु नहीं मिल पायेगा।
8. बच्चेके मरनेका जितना शोक होता है और उसके पैदा होनेपर जितना हर्ष और उत्सव होता है, वैसे ही गायके मरने और पैदा होनेपर शोक और हर्ष होता था, यह हमने बचपन में देखा था।
9. जिस गाय का बच्चा मर जाय उसका दूध नहीं पीते थे।आज तो बच्चा मारकर ही दूध निकालते हैं।
10. गाय जितनी प्रसन्न होती है,उतने ही उसके दूध में विटामिन्स उत्पन्न होते हैं और गाय जितनी दु:खी होती है, उतना ही दूध कमजोर होता है।
11. मेरी हार्दिक इच्छा है कि कोई घर पर ऐसा न हो, जिसमें गाय न हो; गाय का दूध न हो। हर घर में गाय हो और गाय का दूध पीने को मिलना चाहिये। गाय ने मानवबुद्धि की रक्षा की है।
12. बेईमानीका समर्थन करना और उससे एक-दूसरेपर अधिकार जमाना, यह बढ़ता जा रहा है । इसका कारण है कि बुद्धि सात्विक नहीं है, बुद्धि सात्विक क्यों नहीं? कारण मन सात्विक नहीं है । मन सात्विक क्यों नहीं? कारण शरीर सात्विक नहीं है। शरीर सात्विक नहीं है, तो इसका कारण? आहार सात्विक नहीं है।
13. मैं आपसे निवेदन करना चाहता था कि सचमुच जितना आपलोग गाय के सम्बन्धमें जानते हैं, उसका हजारवाँ हिस्सा भी मैं नहीं जानता हूँ, लेकिन क्या सचमुच आपलोग गाय के साथ मातृ-सम्बन्ध जोड़नेके लिए राजी हैं? अगर हाँ, तो हमारा बेड़ा पार हो जायगा।
14. जो लोग सेवा करना चाहते हैं--वे कैसे हैं, इस बातपर जोर डालिये। समाज क्या करता है, राज्य क्या करता है, कुछ लोग देते हैं कि नहीं, वह गौण है। मुख्य बात यह है कि अपने दिलमें गायके प्रति पीड़ा होती है कि नहीं?
15. गाय हमारी ही नहीं, मानवसमाजकी माँ है, सारे राष्ट्रकी और सारे विश्वकी माँ है। गायकी रक्षा होती है तभी प्रकृति भी अनुकूल होती है, भूमि भी अनुकूल होती है। गायकी सेवा होनेसे भूमिकी सेवा होती है और भूमि स्वयं रत्न देने लगती है।
16. जैसे-जैसे आप गोसेवा करते जायँगे, वैसे-वैसे आपको यह मालूम होता जायगा कि गाय आपकी सेवा कर रही है। आपको यह लगेगा कि आप गाय कि सेवा कर रहे हैं तो गाय हर तरह से स्वास्थ्य की दृष्टिसे, बौद्धिक दृष्टिसे, धार्मिक दृष्टिसे आपकी सेवा कर रही है।
17. हम सच्चे सेवक होंगे तो हमारी सेवा होगी, हमारी सेवाका मतलब मानवजातिकी सेवा होगी, मानवमात्रकी सेवासे ही सब कुछ हो सकता है। मानव जब सुधरता है तो सब कुछ सुधरता है और मानव जब बिगड़ता है तो सब कुछ बिगड़ जाता है।
कल्याण भाग 84 पृष्ट 638 से
http://swamisharnanand.blogspot.com/2011/01/need-and-importance-of-cow.html
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा संदेश दिया है आपने और एक अच्छी और मानवता से भरी अपील
जवाब देंहटाएंआदरणीय दीपक बाबाजी और आर जे नरेन्द्रजी
जवाब देंहटाएंपोस्ट की सराहना करने के लिए आपका आभार और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा….. धन्यवाद. सवाई
आदरणीय आपका जी आपने जो लिक दिया उस पर में गया था आपने जो जानकारी उसके लिए आपका धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंयोगेन्द्र जी आपको माँ वेश्नो देवी जाने का मोका मिला देख कर बहुत ख़ुशी हुई। आपकी यात्रा मंगलमय हो शुभकामनाये!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा प्रयास है आपके बधाई हो आपको इसके लिए महर्षि दयानंद जी ने इस दिशा में बहुत कोशिश भी की थी कृपया उनकी पुस्तक गो करूणानिधि भी पढ़ें
जवाब देंहटाएंआदरणीय मदन शर्माजी में हर्षि दयानंद जी की ये पुस्तक "गो करूणानिधि "जरुर कोसिद करुगा और आपने जो जानकारी उसके लिए आपका धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंहमेशा ही लोगों को सोचना चाहिए की आखिर हमें क्या मिलता है इन जानवरों को मार कर खाने और जानवरो को तो बहुत तकलीफ होती है और लोगों को सोचना चाहिए और मांसाहार छोड़ कर शाकाहारी बने ऐसी कामना करता हु!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया पोस्ट!
जवाब देंहटाएंआपको भी हिंदी नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें ईश्वर से यही प्रार्थना है की आने वाला वर्ष आपके लिए खूब सारी खुशियाँ लाये
जवाब देंहटाएंहाय!
जवाब देंहटाएंक्या हो रहा है मैं अपना पुराना बलोग बदल गया है?
आप नीचे मेरी नई टिप्पणी है
और Plz मुझे एक नई टिप्पणी दे आपकी याद आती है.
मेरा नया बलोग है ... ..
.
.
.
.
.
.http://smshindi-smshindi.blogspot.कॉम
"आगे "
दम हैं नई टिप्पणी दे
मिस करने के लिए...............आपका सोनू
मेरी लड़ाई Corruption के खिलाफ है आपके साथ के बिना अधूरी है आप सभी मेरे ब्लॉग को follow करके और follow कराके मेरी मिम्मत बढ़ाये, और मेरा साथ दे ..
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंहिंदी का नया साल की बधाई व् शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंनवसंवत्सर २०६८ की हार्दिक शुभकामनाएँ|
जवाब देंहटाएंगौ हत्या रोकने हेतु आपका प्रयास सराहनीय है.......सार्थक लेखन के लिए बधाई...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें..
जवाब देंहटाएंआद.अनिल जी वैसे आपका बहुत दिनों पश्चात एक्टिवे लाइफ पर आगमन हुआ और पोस्ट की सराहना करने के लिए आपका आभार और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा…..
जवाब देंहटाएंऐसी बेरुखी अच्छी नही भाईजी ....सवाई
आदरणीय संध्या शर्माजी पोस्ट की सराहना करने के लिए आपका आभार और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा…..
जवाब देंहटाएं....सवाई
चक दे इंडिया हम ही जीत गए
जवाब देंहटाएंभारत के विश्व चैम्पियन बनने पर आप सबको ढेरों बधाइयाँ और आपको एवं आपके परिवार को हिंदी नया साल(नवसंवत्सर2068)की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!
....सवाई
भाई जान देश में गो हत्या करने के खिलाफ कानून बना हे और इसे रोकने के लियें इस काम में लिप्त लोगों को दण्डित करवाने के लियें अभियान चलाना होगा हम सब आपके साथ हें गो हत्या पाप हे ललल्ललल अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
जवाब देंहटाएंप्रिय सवाई सिंह जी
जवाब देंहटाएंआपका ये पोस्ट ब्लॉग नगरी की सबसे अहम् पोस्ट है| मैं आप के साथ हूँ |
"गौ हत्या" वाकई में एक प्रमुख मुद्दा है| इसे मुद्दे को संसद में उठानी चाहिए| ये गाँधी जी का देश है यहाँ सत्य और अहिंसा की पूजा होती है|
मेरे समझ से सिर्फ गौ हत्या करने वाला ही गलत नही बल्कि इस पर आवाज नही उठाने वाला भी उतना ही गलत है|
www.akashsingh307.blogspot.com
आदरणीय अख्तर खान अकेला जी
जवाब देंहटाएंदेश में गो हत्या करने के खिलाफ कानून बना है लेकिन पालन नहीं होता और हत्या करने वाले लोगों को दण्डित करवाने के लियें अभियान चलाना बहुत जरुरी है आपका आभार और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा…..
आद.आकाश सिंहजी
जवाब देंहटाएंआपने बिलकुल ठीक कहा "गौ हत्या" वाकई में एक प्रमुख मुद्दा है|इसे मुद्दे को संसद में उठानी चाहिए|ये गाँधी जी का देश है यहाँ सत्य और अहिंसा की पूजा होती है " लेकिन आज लोग इसे मुद्दे को उठाना नहीं चाहते और कुछ लोग आवाज उठाते है तो उसको भी चुप करवा दिया जाता है और पोस्ट की सराहना करने के लिए आपका आभार और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा….. ...सवाई
आप बहुत सार्थक और प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं।
जवाब देंहटाएंयह नवसंवत्सर आपके जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्रदान करे ।
आपका आभार इस पोस्ट पर अपनी राय दी हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!
हटाएंmeaningful blogging.....
जवाब देंहटाएंआदरणीयडॉ वर्षा सिंह जी
जवाब देंहटाएंविवेक वीके जैनजी(V!Vs)
आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत धन्यवाद और आभार.....
और आगे भी इसी प्रकार सहयोग देते रहिएगा आपका सवाई सिंह
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हमारा नव संवत्सर शुरू होता है इस नव संवत्सर पर आप सभी को हार्दिक शुभ कामनाएं
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंवैसे आपको पढ़ के बहुत अच्छा लगा काफी दिनों के बाद
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति
आपका आभार इस पोस्ट पर अपनी राय दी हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!
हटाएंभगवान महावीर जयंती पर आपको भी हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंसबसे पहले मैंने आने में जरा देर कर दी इसके लिए माफ़ी चाहूँगा सवाई भाई
जवाब देंहटाएंसवाई भाई आशा हैं आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और गो माता के प्रति लोगोका नजरिया जरुर बदलेगा
जवाब देंहटाएंआपका आभार इस पोस्ट पर अपनी राय दी हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!
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जवाब देंहटाएंजय रघुनाथ जी री सा
जवाब देंहटाएंसवाईसा आपरो बहुत बङो प्रयास है और हम सब आपके साथ है
jai shri raghunath ji ri sa hkm
हटाएंaapka aabhar post par aane ke liye....