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सोमवार, मार्च 7

गौ ह्त्या के चंद कारण और हमारे जीवन में भूमिका

 
  आदरणीय, सज्जनों, जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत में गाय माता की महिमा तो अपार है जिसका उलेख शास्त्रों और पुराणों में वर्णित है संत महात्माओ ने गो माता की महिमा के सम्बन्ध में अनेको व्याख्यान दिए है ! लेकिन आज भारत के अनेक राज्यों में कसाईखाने चल रहे है इसके पीछे कारण साफ़ है दरअसल जिस तेजी के साथ भारत गो-मांस का निर्यात कर रहा है, उसे देख कर अनेक देश यह अंदाज़ा लगा रहे है, कि अब भारत अहिंसक-भारत नहीं रहा,यह नैतिकता, करुणा, अहिंसा, मानवता, जीवन-मूल्य इन सबकी रोज ही तो हत्याएं होती रहती है. गाय को जो देश में गो माता कहते है जहाँ के भगवन(श्री कृष्ण) गायों के दीवाने थे, वह देश आज दुनिया का सबसे बड़ा माँस-निर्यातक बना बैठा है वास्तव में जो लोग गो मांस खाने वाले है या गो मांस खाते है वे अपने माता और पिता (गाय और बैल) को मार रहे हैं और वो पापी है इसलिए भगवन उनको उनके पाप की सजा जजुर देगा और दंड होना भी चाहिए ताकि कोई और गो माता की ह्त्या न कर सके!                                                                           
            एक बात और लोग पशु पर अत्याचार इस लिए क्रूरता मांस, कपड़े और सामान सहित विभिन्न प्रस्तुतियों के लिए उनकी हत्या की मांस से अधिक मूल्य अक्सर, उनके चमड़े के द्वारा उत्पादों  का निरमा होता है और असंख्य कॉस्मेटिक और घरेलू उत्पादों के लिए किया जाता है. अनिहे जानवरों को भी बेरहमी से अत्याचार और अंत में मारे गए प्रयोगों और अनुसंधान के लिए. पशु की ऐसी पीड़ा के लिए कोन जिमेदार है कही हम तो नहीं   

     ऐसी कंपनियों जिनके उत्पाद गो की हत्या या जानवरों के चमड़े के द्वारा बनाई गई है 
जैसे :- सौंदर्य प्रसाधन, शौचालय की तैयारियाँ और भी डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों और भी उत्पादों को इस में आप शामिल कर सकते हो जो कंपनियों अपना अच्छा विश्वास बना चुकी है और वे चंद लाभ के लिए ऐसा करती है!   


हमें भी एक संकल्प लेना पडेगा की अपने स्तर पे जहाँ तक संभव हो!
गौ हत्या या जानवरों के चमड़े के द्वारा बनाई  गई वस्तुओ का परियोग हम नहीं करेगे ! और गो माता को सम्मान देंग! 
आप नीचे एक पोस्टर देख सकते है जिस में गो हत्या से बनाई गई वस्तुऐ है! जिनका परियोग अब हमें नहीं करना है !
आप  संकल्प लेते हो ना...................सोचो नहीं .....



गाय को माता दिल से मानिए 


          गाय माता की भूमिका हमारे जीवन में                        <--------------------------------------------->
                                                        
गो माता में देवता का निवाश है देखा है ना सच है ना 
                                                        
 धार्मिक अनुष्ठानों में गाय माता की महत्ता:- 
 
  1 गाय को दैविक माना गया है !

 

  2 अगर दिन गाय की पूजा से शुरू होता है !

  3 गाय को खिलाना और उसकी पूजा करना दैविक अनुष्ठान है !

  4 पारिवारिक उत्सवों में गाय की प्रधानता है !

  5 ऐसे अनेक त्योहार हैं जहाँ गाय प्रमुख होती है !

  6
देवताओं के शृंगार में मक्खन का प्रयोग होता है !

  7 पंचगव्य से सफाई और शुद्धि की हमारी परंपरा है !

  8 भगवान की मूर्तियों को दूध, दही और घी से स्नान कराते हैं !

  9 
भगवान के प्रसाद में घी और दूध डाला जाता है !

  10
पवित्र प्रदीप प्रज्जवलन हेतु हम घी का प्रयोग करते हैं और देवताओं को भी घी का नैवेद्य चढ़ाते हैं !
 

औषधि रूप में गो उत्पाद:-
        िश्व स्वास्थ्य संगठन स्वास्थ्य को शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और सामाजिक पूर्णता का सम्मिश्रण मानता है । उसका यह भी अनुमान है कि  2020 तक जीवाणु (बैक्टीरिया) एंटीबायोटिक्स के प्रभाव से मुक्त हो जायेंगे । पर हमें इसका भय नहीं है । हम पंचगव्य दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर पर भरोसा कर सकते हैं । यह सब अलग-अलग और एक सम्मिश्रण के रूप में श्रेष्ठ औषधीय गुण रखते हैं, वह भी बिना किसी परावर्ती दुष्प्रभाव (साइड एफेक्ट) के । इसके अतिरिक्त यदि हम कोई अन्य औषधि ले रहे हैं तो पंचगव्य एक रासायनिक उत्प्रेरक (कैटलिस्ट) का काम करता है! प्रचीन आयुर्वेद शास्त्र बताते हैं कि गोमूत्र सेव्न से रोग प्रतिरोधक क्षमता 104  % तक बढ़ जाती है!
 

गो आधारित कृषि के लाभ :-  


             भारतीय कृषि में विविधता है! ऐसा कोई कृषि उत्पाद नहीं है जो हम नहीं उगाते ! हमारी भूमि पर हर प्रकार के अन्न, दालें, सब्जियाँ, फल, कपास और रेशम पैदा होते हैं । हमारी 60% से अधिक आबादी का पेशा 
खेती है ।  इनमें से अधिकांश का एक या दो एकड़ भूमि वाले छोटे किसान हैं !
              हमारी कृषि भूमि भू-संरचना, मिट्टी के प्रकार और गुणों, सिंचाई के तरिकों और फसलों की संख्या के मामले में विविध और जीवंत है ! मवेशी इस विशाल कृषि चित्र-पटल के अभिन्न अंग हैं ! हम बैलों का जुताई, कटी फसल की ढुलाई, सिंचाई के कामों में, गोबर का खाद के और गोमूत्र का कीट नाशक के रूप में उपयोग करते हैं ।


परिवहन में पशुओं की भूमिका:- 


             भारत के 6 लाख गांवों में से बहुतों में यातायात योग्य डामरवाली सड़कें नहीं हैं! पहाड़ी क्षेत्रों में जहाँ घोड़े कदम नहीं रख सकते, बैल आसानी से गाड़ियाँ खींच सकते हैं !


गो माता पर आधारित और भी कई लाभ है !

     जैसे :-  पारिसारिक, आहार, उद्यम, युद्ध क्षेत्र, भावनात्मक स्थर,अर्थ व्यवस्था और भी कई लाभ है !

 ये दो लाइन किसी के द्वारा भेजी गई है!

      "ये कभी मत सोचो की ईश्वर हमारी दुआएँ तुरंत नहीं सुनता....
   ये शुक्रिया करो की वो हमारी गुनाहों की सजा उसी समय तो नहीं देता हमें"


और अंत में एक अपील {{निवेदन}}:-  
             विश्व शांतिपूर्ण के लिए गो माता की हत्या और जानवरों की  हत्या बंद करो और एक शाकाहारी बन जाओ!


 
 आभार 
गौ ग्राम                                                                             
                                                                       निवेदन करने वाले 
                                                    !! आप और हम!! 

समय मिले "गौ माता की करूँ पुकार सुनिए...." और जरूर देखें

136 टिप्‍पणियां:

  1. वैसे अगर गौ माता की मृत्यु के बाद इन सब चीज़ों का निर्माण होता है तो इनके उपयोग में बुराई क्या है...
    पहले मुझे इस सवाल का जवाब दें...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जिसको आप गौ माता कि हत्या के बाद मान रहे हैं दरअसल वही गौहत्या के कारणों में भी इजाफा करता है ! कत्लखानों में गौ को मारा जाता है और उसका मांस तो बिकता ही है साथ में बाकी अवशेष भी इन उत्पादों के लिए बिकते हैं जिससे कत्लखानों वालों को फायदा ज्यादा होता है जिसके कारण वो अपने फायदे के लिए ज्यादा से ज्यादा गौहत्या करते हैं !

      हटाएं
  2. आदरणीय शेखर सुमन जी
    आपकी बात सही है लेकीन गो माता तो माता है!

    जवाब देंहटाएं
  3. आप बहुत सार्थक और प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं।
    शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  4. आदरणीय महेंद्र वर्माजी
    प्रणाम
    मैं आपका आभारी हूँ जो आपने मेरे विचारों से कुछ सहमती जताई और इसके लिए धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  5. इस बेहतरीन लेख के लिए आपको बधाई। बहुत ही सार्थक सन्देश एवं अपील है। उम्मीद है लोग इस पर गौर करेंगे।

    जवाब देंहटाएं
  6. आदरणीय डॉ.दिव्याजीजी
    प्रणाम
    उम्मीद है लोग इस पर जल्द गौर करेंगे और गौ माता की ह्त्या बंद हो!

    ऐसी कामना करता हु! शुभकामनाओं सहित.......

    जवाब देंहटाएं
  7. सवाई जी नमस्कार,
    बहुत ही गहराई से कुछ अहम् बिन्दुओं पर प्रकाश डाला है आपने इस लेख के जरिये

    जवाब देंहटाएं
  8. आपकी अपील पर मिली इन ढेरों सकारात्मक प्रतिक्रियाओं से एक बात तो पूरी तरह साफ़ हो गई है कि अच्छे लेखन के कद्रदानों की कमी भारत में नहीं है! मैं भी आपकी इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ की गौ ह्त्या से बने उत्पादन का प्रियोग नहीं करना चाहिए जिस से गौ ह्त्या सोतेही बंद हो जाएगा!

    जवाब देंहटाएं
  9. हम सही को सही और गलत को गलत कहने वालो में चुनिन्दा नामो में शामिल है और रहेंगे!आपके साथ मैं पहले भी था अब भी हूँ और आगे भी रहूँगा ऐसा वचन देता हूँ!ओके जी ढेर सारी बधाई और शुभकामनायें......

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  10. आपका प्रयास सराहनीय है आपकी पोस्ट को पढकर मैने भी एक गाय पालने का मन बना लिया है

    जवाब देंहटाएं
  11. आप बहुत सार्थक और प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं। उम्मीद है लोग इस पर गौर करेंगे और गौ हत्या को बंद करने में सहायक होंगे| धन्यवाद|

    जवाब देंहटाएं
  12. आप मेरी बात समझे नहीं शायद..मेरा कहना सिर्फ इतना है की गौ की मृत्यु के बाद क्या करें ????
    ठीक वैसे ही जब हमारी अपनी मृत्यु के बाद नेत्र दान या ह्रदय दान करने से किसी का कुछ भला होता है तो इसमें बुराई क्या है...???
    हाँ हत्या नहीं होनी चाहिए...

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत उम्दा संदेश दिया है. सवाल उपयोगिता से उपर धार्मिक आस्था और मानवीय संवेदनाओं का है.

    अच्छा प्रशंसनीय आलेख.

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  14. अन्तरार्ष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ|

    जय हिंद जय हिंद जय हिंद

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  15. आदरणीय शेखर सुमन जी
    आपकी बात सही है अगर गौ माता की मृत्यु के बाद इन सब चीज़ों का निर्माण होता है तो उसके उपयोग में बुराई तो कुछ नहीं है लेकीन हम गौ माता की मृत्यु के बाद जब इन सब चीज़ों का निर्माण होता है और हमें इन वस्तुओ का उपयोग नहीं करेगे तो गौ ह्त्या बंद हो सकती!

    जब मार्केट में कोई वस्तु नहीं बिकती है तो उसका उत्पादन बंद हो जाता है! और फिर गौ ह्त्या सोतेही बंद हो जाएगी!

    जवाब देंहटाएं
  16. सोनूजी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई! यह मेरा सौभाग्य है शायद मेरा अधिक जोश ही मुझसे इस प्रकार के पोस्ट या प्रतिक्रियाएं लिखवा डालता है! आपकी सारी बातें मेरे लिए अगली पोस्ट को और अच्छा बनाने में मेरी मदद करेंगे ! आपका धन्यवाद..... सवाई

    जवाब देंहटाएं
  17. आदरणीय दीपक सैनी जी

    Patali-The-Village जी

    शेखर सुमनजी

    समीर लालजी {उड़न तश्तरी}


    मैं आपका आभारी हूँ जो आपने मेरे विचारों से कुछ सहमती जताई और इसके लिए धन्यवाद

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  18. सवाई भाई,
    एक बहुत ही गंभीर विषय पर उससे गंभीर प्रयास के लिए आपको बधाई के पात्र हैं.

    जवाब देंहटाएं
  19. गौ ह्त्या से जुडे बहुत ही महत्वपूर्ण सवालों को आपने अपने लेख में उठाया हॆ और आपने एक अच्छी शुरुआत की हॆ.धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  20. योगेन्द्र भाई,
    आपने अपना क़ीमती वक़्त निकाल कर यह लेख पढ़ा और प्रतिक्रिया दी इसके लिए शुक्रिया|

    जवाब देंहटाएं
  21. आदरणीय मनप्रीत कौरजी आपने हमारा हौसला बढाऐ और हमें भी धन्य और प्रतिक्रिया दी इसके लिए शुक्रिया....सवाई

    जवाब देंहटाएं
  22. बहुत सुन्दर सार्थक और ग्यानवर्द्धक पोस्ट है। धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  23. भाई राजेन्द्र सिंह
    यह लेख पढ़ा और प्रतिक्रिया दी इसके लिए शुक्रिया|

    जवाब देंहटाएं
  24. आदरणीय निर्मला कपिलाजी
    प्रणाम
    आपने अपना कीमती समय "गौ ह्त्या के चंद कारण और हमारे जीवन में भूमिका" को पढ़ने के लिए दिया उसके लिए आपका तहे-दिल से आपका शुक्रिया करता हूँ!

    जवाब देंहटाएं
  25. भाई सवाई जी
    आप एक प्रशंसनीय कार्य कर रहे है.वास्तव में गो हत्या आत्म -हत्या के सामान है. गौमाता हम पर नहीं, हम गोमाता पर निर्भर हैं
    .यहाँ कर्नाटक में भाजपा सरकार ने गो-धन वध निषेध कानून बनाया जिसे राज्यपाल ने अडंगा लगाकर फ़िलहाल पारित नहीं होने दिया है. राजभवन से कहा गया था क़ि विधेयक राष्ट्रपति भवन भेजा गया है. हाल ही सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मिली क़ि विधेयक लगभग ५ माह के बाद भी राष्ट्रपति भवन नहीं पहुंचा है.आखिर कहाँ गया विधेयक? लेकिन जब तक हर हाल में, हर कीमत पर अपनी राजनैतिक रोटियां सकने क़ि कोशिश करनेवाले लोग्मौजूद है.मुश्किल है क़ि गोवध रुके.लेकिन आप जैसे युवाओं का अभियान कहीं न कहीं हमें आशान्वित करता है.

    जवाब देंहटाएं
  26. आपने तो मेरी रोज़ी रोटी को ही आपना लेख बना लिया है

    जवाब देंहटाएं
  27. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  28. आदरणीय संतोष पाण्डेयजी
    नमस्कार
    आपकी बात सही है! आपका आशीर्वाद मिला! मै तो धन्य हो गया! मेरी कोशिश रहेगी आपकी उम्मीदों पर खरा उतरने की और मेरे पोस्ट पर आने और टिप्पणी करने के लिए और अपने विचारों से हमें अवगत कराया!
    आपका बहुत-बहुत धन्यवाद और शुक्रिया....

    जवाब देंहटाएं
  29. आदरणीय शेखर सुमन भाई,
    यदि आपको मेरी कोई बात बुरी लगी हो या मेरे लेखन में कोई त्रुटी हो तो अवश्य सूचित करना!
    मेरा उदेसीय सिर्फ इतना है की गौ माता की ह्त्या बंद हो! और कुछ नहीं !
    आपके सहयोग एवं स्नेह का सदैव आभरी हूँ आपका सवाई ….. धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  30. मैं हत्या की नहीं प्राकृतिक मृत्यु की बात कर रहा हूँ...
    अगर गौ माता की प्राकृतिक मृत्यु के बाद इन सब चीजों का निर्माण हो रहा है...तो इसके उपयोग में क्या बुराई है...?????
    मुझे आप खुद ही भ्रमित लग रहे हैं...
    आपकी दी हुयी तस्वीर में दूध से बनने वाली चीजों की भी तस्वीर है, और आपने उसे गौ हत्या से सम्बद्ध कर दिया है.. अब भला दूध का गौ हत्या से क्या लेना देना है...
    एक बात और मैं कोई आदर्शवादी नहीं हूँ, यथार्थवादी हूँ...
    चीजों को गोल-मोल घुमा कर भी नहीं कहता ...मैं ऐसा कोई संकल्प नहीं लूँगा कि इन चीजों का प्रयोग नहीं करूंगा...

    अब एक सवाल आपसे भी...
    क्या आप ऊपर पोस्टर में दी गयी चीजों में से एक भी चीज का उपयोग नहीं कर रहे ?????


    जवाब मुझे नहीं अपने आप को दीजियेगा.....

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. @ शेखरजी,
      सही है .
      इंसान को कथनी और करनी में फर्क रखना चाहिये

      हटाएं
  31. सवाई जी आपने अपने लेखों से और टिप्पणियों से
    ब्लागरों से पंगा लिया है वरना ऐसी प्तिकिरिया नहीं आती

    जवाब देंहटाएं
  32. बहुत सुन्दर सार्थक पोस्ट है। धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  33. सवाई जी,
    आपका प्रयास बहुत ही अच्छा है! और बहुत सुन्दर सार्थक पोस्ट है। धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  34. आदरणीय शेखर सुमन जी
    मै स्पष्ट करना चाहूँगा की उपर जो पोस्टर में दिखा गाया है वो तो गौ माता के दूध से बन्ने वाली वस्तुए है जिसका तो उपयोग आम आदमी करता है मेरा मतलब उन वस्तुओ से था जो उनके चमड़े से बनती है! मै चमड़े से निर्मित किसी भी वास्तु का उपयोग नहीं करता हूँ और आगे भी उन वस्तुओ का उपयोग नहीं करुगा और मै प्रतिक्रियाओं को देने के विरोध में नहीं हूँ और इस पोस्ट में मैंने ऐसा कुछ भी नहीं लिखा है… मै तो एक अपील कर रहा हूँ और किसी को नाराज नहीं करना मेरा उदेसिये नहीं है!

    आपसे एक और बात आप जैसे प्रथिष्ठित लेखकों से सैदेव मार्ग दर्शन का आकांक्षी रहूँगा..... धन्यवाद आपका सवाई

    जवाब देंहटाएं

  35. मैं कोई प्रतिष्ठित लेखक नहीं हूँ....

    और आपको शुभकामनाएं...:) माफ़ कीजियेगा मेरा सहयोग नहीं मिल पायेगा आपके इस प्रयास में......
    वैसे आपकी इस पोस्ट पर वाह-वाही करने वाले भी सिर्फ ऐसा कह ही सकते हैं,
    पर्स, बेल्ट और जूते तो लगभग सभी के पास होंगे....
    उसके आलावा भी कई सामान होंगे जो जो आपने पोस्टर में दिखाए हैं...

    वैसे आप पोस्टर एक बार फिर देखें उसमे आपने लिखा है गौ हत्या के चंद कारण.. और उसमे दूध के उत्पाद भी डाल दिए हैं.. आपकी ये गलती न जाने क्यूँ मेरी आखों में खटक रही है...

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  36. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  37. आदरणीय शक्ति सिंहजी
    आदरणीय आपकाजी
    आदरणीय शेखर सुमन जी

    आप सबका मेरे पोस्ट पर आने और टिप्पणी करने के लिए और अपने विचारों से मुझे अवगत कराया इसे के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद और शुक्रिया....

    जवाब देंहटाएं
  38. आप बहुत सार्थक और प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं।

    जवाब देंहटाएं
  39. आपका आलेख पढ़ा और बहुत पसन्द आया आपने जो गौ माता की ह्त्या पर लेख से बल्कि तथ्यों का जो आकलन और विश्लेषण की कला भी बहुत बढ़िया हैं। धन्यवाद।

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  40. मेरी ओर से बधाई और होली की मंगलमय कामनाएँ स्वीकारें.

    राजवीर

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  41. हवा के हाथ पैगाम भेजा है
    रोशनी के जरिये एक अरमान भेजा है
    फुरसत मिले तो कबूल कर लेना
    इस नाचीज ने
    रंगो के त्यौहार पर प्यार भेजा है

    शुभ होली।

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  42. हमारे जीवन में गो माता का कितना महत्व हैं, ये आज मानव को यह जान लेना बेहद जरुरी हो गया है बहुत सुन्दर भाव और आपका लेख विलम्ब से सही आज पढ़कर अच्छा लगा! ऐसी अनेक बाते जो मुझे अच्छी लगती उसे आपने सहजता से व्यक्त किया आपनेl

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  43. सवाई आप इस तरह के लेख आपने बलोग पर प्रकाशित करके आप एक पावन यज्ञ कर रहे हैं इस हेतु आपको धन्यवाद देना चाहूँगा…..

    जवाब देंहटाएं
  44. आप बहुत सार्थक और प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं

    जवाब देंहटाएं
  45. बहुत ही महत्वपूर्ण सवालों को आपने अपने लेख में उठाया हैं

    जवाब देंहटाएं
  46. कई दिनों व्यस्त होने के कारण  ब्लॉग पर नहीं आ सका
    बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..

    जवाब देंहटाएं
  47. राजीर सिंह जी
    आपने अपना कीमती समय "गौ ह्त्या के चंद कारण और हमारे जीवन में भूमिका" को पढ़ने के लिए दिया उसके लिए आपका तहे-दिल से आपका शुक्रिया करता हूँ!

    जवाब देंहटाएं
  48. श्री मदन परताप जी

    आपने इस पोस्ट पर समय निकाल कर अपनी महत्वपूर्ण टिप्पणी दी है
    इस हेतु आपका आभार व्यक्त करता हूँ!

    जवाब देंहटाएं
  49. मदन परताप जी और इस पोस्ट पर आप का समर्थन मिला है इस हेतु आपको धन्यवाद देना चाहूँगा आपका सवाई

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  50. श्री संजय भास्करजी पोस्ट की सराहना करने के लिए आपका आभार

    जवाब देंहटाएं
  51. गो माता केवल हिन्दुओ के लिए ही नहीं है बल्कि समाज के लिए भी बहुत उपयोगी है!

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  52. इसके लिए मैं हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ!

    जवाब देंहटाएं
  53. बहुत ही सार्थक सन्देश और अपील है। उम्मीद है लोग लोगो तक बहुत उपयोगी जानकारी पहुंचेगी.आपको धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  54. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  55. भारातमाता आदर्श गो-ग्राम योजना,ट्रस्ट आपका मेरे बलोग में शामिल होने पर बहुत धनयवाद आपका

    जवाब देंहटाएं
  56. आप मेरे लिए प्रेरणास्रोत है!

    जवाब देंहटाएं
  57. आदरणीय उपेन्द्रजी

    @ R J नरेन्द्र जी

    @ सुरेश शर्माजी

    @ दीपक जी

    @ अवनीश सिंह चौहानजी

    @ संतोष कुमार झा जी

    @ सुरेन्द्र सिंहजी

    @ महेंद्र वर्माजी

    @ सुशील बाकलीवालजी

    @ दिनेश पारीकजी

    आपका सभी का मेरे बलोग में शामिल होने पर बहुत धनयवाद आपका

    जवाब देंहटाएं
  58. शालिनी जी आपने अपना क़ीमती वक़्त निकाल कर यह लेख पढ़ा और प्रतिक्रिया दी इसके लिए शुक्रिया|

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  59. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  60. बहुत ही बढ़िया पोस्ट...
    उम्मीद है... ऐसी पोस्ट्स ही हैं जो लोगों की सोच में बदलाव लाती हैं...
    जो लोग आज भी गोउ हत्या में इन्वोल्व हैं वो आगे ऐसा पाप नहीं करेंगें...

    जवाब देंहटाएं
  61. पूजाजी

    उम्मीद है लोग इस पर जल्द गौर करेंगे और गौ माता की ह्त्या बंद हो!

    आपने अपना क़ीमती वक़्त निकाल कर यह लेख पढ़ा और प्रतिक्रिया दी इसके लिए शुक्रिया,,,,,

    और पोस्ट की सराहना करने के लिए आपका आभार......

    जवाब देंहटाएं
  62. आदरणीय सवाई जी
    आपके आलेख की जितनी प्रशंसा की जाए कम है ..आपने बहुत गंभीरता से विचार किया है ...देरी से आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ ...!

    जवाब देंहटाएं
  63. आदरणीय केवल रामजी
    आपका मेरे पोस्ट पर आने और टिप्पणी करने के लिए और अपने विचारों से मुझे अवगत कराया इसे के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद और शुक्रिया....

    जवाब देंहटाएं
  64. आदरणीय केवल रामजी
    एक निवेदन आपसे करना चाहूँगा की आप मुझे आदरणीय शब्द ना लगाया करे! मैं आपकी तरफ से “आदरणीय” की अपेक्षा नहीं करता हु !

    जवाब देंहटाएं
  65. होली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं। ईश्वर से यही कामना है कि यह पर्व आपके मन के अवगुणों को जला कर भस्म कर जाए और आपके जीवन में खुशियों के रंग बिखराए।
    आइए इस शुभ अवसर पर वृक्षों को असामयिक मौत से बचाएं तथा अनजाने में होने वाले पाप से लोगों को अवगत कराएं।

    जवाब देंहटाएं
  66. निजी हित से ऊपर उठकर बात करना वाकई अच्छा है ... अच्छा प्रयास ....धन्यवाद .......

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  67. होली की बहुत शुभकामनाये

    जवाब देंहटाएं
  68. bahut sunder vichaar .....
    par jo gou maans khate hain unko koun roke ......?

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  69. एक बेहतरीन लेख है .... आँखे खोलने वाला ... ऐसा करने का प्रयत्न ज़रूर करूँगा ...
    बहुत बहुत मुबारक हो रंगों का त्योहार ...

    जवाब देंहटाएं
  70. दिगम्बर नासव जी….पोस्ट की सराहना करने के लिए आपका आभार…

    जवाब देंहटाएं
  71. आदरणीय हरकीरत 'हीर जी,

    मैं आपकी बात से बिलकुल सहमत हूँ ! लेकिन जो लोग गौ माँस खाते हैं उनको तो भगवान देखाता है और एक दिन उसकी सजा भी देगा! हम अपील कर सकते!
    धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  72. आदरणीय मंजुला जी….
    आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया प्राप्त हुई और पोस्ट की सराहना करने के लिए आपका आभार… आपको होली की बहुत शुभकामनाये!

    जवाब देंहटाएं
  73. आदरणीय ज़ाकिर अली ‘रजनीशजी आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  74. आलेख के पीछे आपका उद्देश्य निर्मल एवं सार्थक है ! आपके प्रयास के लिये हार्दिक शुभकामनायें ! होली आप सबके लिये मंगलमय हो यही कामना है !

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  75. आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।

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  76. बहुत बढ़िया पोस्ट! उम्दा प्रस्तुती!
    आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  77. बहुत विषद और सार्थक विवेचन...होली की हार्दिक शुभकामनायें !

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  78. आपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी कभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-

    रंग के त्यौहार में
    सभी रंगों की हो भरमार
    ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार
    यही दुआ है हमारी भगवान से हर बार।

    आपको और आपके परिवार को होली की खुब सारी शुभकामनाये इसी दुआ के साथ आपके व आपके परिवार के साथ सभी के लिए सुखदायक, मंगलकारी व आन्नददायक हो।

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  79. jiski pooja karte hai us par aesa atyaachar ,ye anuchit hai ,dharm ke virudh hai ,aap sahi disha ki or le jaa rahe hai .badhiya lekh .

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  80. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  81. बेनामी जी मुझे लगता है आपको सुमन जी से व्यक्तिगत दुश्मनी है जैसा मुझे आपकी टिप्पणी पढ़ने से लगा। मैं आप से बिल्कुल सहमत नहीं हूं और मुझे लगता है की आपको हमेशा पॉजिटिव चीजों को ही तबज्जो देना चाहिए माफ कीजिए आपकी टिप्पणी ब्लॉग से हटा दी गई है!

    जवाब देंहटाएं
  82. आदरणीय साधना वैदजी
    प्रणाम,
    आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ और आपकी इस उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया को पाकर बेहद प्रसन्नता हुई|
    हार्दिक धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  83. आदरणीय बबली जी
    आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ और मेरे पोस्ट पर आने,पोस्ट सराहना और टिप्पणी करने के लिए आपका आभार

    जवाब देंहटाएं
  84. आदरणीय कैलाश सी शर्माजी और दिनेश पारीक आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ और पोस्ट की सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद

    आदरणीय प्रवीण पाण्डेय जी आपसे मुलाकात शायद पहली बार हो रही है मेरे बलोग पर और आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ

    आप सभी का सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा….. धन्यवाद. सवाई

    जवाब देंहटाएं
  85. सबसे पहले आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!मैंने आने में जरा देर कर दी इसके लिए माफ़ी चाहूँगी

    जवाब देंहटाएं
  86. आदरणीय राहुल सिंह जी
    प्रणाम
    इस पोस्ट पर आपकी प्रतिकिरिया मिली
    इस हेतु आपका तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा….. धन्यवाद. सवाई

    जवाब देंहटाएं
  87. शालिनी जी आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  88. आदरणीय ज्योति सिंहजी

    आप ने एक दम सही कहा है की"जिसकी पूजा करते है उस पर ऐसा अत्याचार ,ये अनुचित है ,धर्म के विरुढ़ है "

    आपका मेरे पोस्ट पर आने और टिप्पणी करने के लिए और अपने विचारों से मुझे
    अवगत कराया इसे के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा….. धन्यवाद. सवाई

    जवाब देंहटाएं
  89. सार्थक ब्लॉग्गिंग...... गोउ माता पर ज्ञानचक्षु खोलने वाला आलेख.

    शुभकामनाएं.

    जवाब देंहटाएं
  90. गाय सारे राष्ट्र और विश्वकी माता है
    ( ब्रह्मलीन श्रद्धेय स्वामी श्रीशरणानन्दजी महाराज )

    1. हम गायकी सेवा करेंगे तो गायसे हमारी सेवा होगी ।

    2. शुद्ध संकल्पमें संकल्पसिद्धि रहती है। शुद्ध संकल्पका र्अर्थ क्या है? जिसकी पूर्तिमें लोगों का हित हो और प्रभुकी प्रसन्नता हो, उसको शुद्ध संकल्प कहते हैं। जब संकल्प शुद्ध होता है तो सिद्ध होता ही है, ऐसा प्रभुका मंगलमय विधान है।

    3. सेवक कैसा होना चाहिये, इसपर विचार करनेसे लगता है कि सेवक के हृदयमें एक मधुर-मधुर पीड़ा रहनी चाहिये और उत्साह रहना चाहिये तथा निर्भयता रहना चाहिये एवं असफलता देखकर कभी भी निराश नहीं होना चाहिये। सेवक से सेवा होती है, सेवा से कोई सेवक नहीं बन सकता।

    4. इस देश में ही नहीं,.समस्त विश्वमें मानव और गायका ऐसा सम्बन्ध है कि जैसा मानवशरीर में प्राण। अब अन्य देशों में गाय का सम्बन्ध आत्मीय नहीं रहा, कहीं आर्थिक बना दिया, कहीं कुछ बना दिया। मेरे ख्यालसे गाय का सम्बन्ध आत्मीय सम्बन्ध है। गाय मनुष्यमात्र की माता है।

    5. लोग गायका आर्थिक पक्ष सामने रखकर सोचते हैं कि गाय कि सेवा तनसे और मनसे होना चाहिये। आज हमलोगोंकी ऐसी स्थूल दृष्टि हो गयी है कि धनकी सेवाको बहुत बड़ी सेवा समझते हैं। बहुत बड़ी सेवा तो मन की सेवा है, जिसे हर भाई-बहन कर सकता है।

    5. लोग गायका आर्थिक पक्ष सामने रखकर सोचते हैं कि गाय कि सेवा तनसे और मनसे होना चाहिये। आज हमलोगोंकी ऐसी स्थूल दृष्टि हो गयी है कि धनकी सेवाको बहुत बड़ी सेवा समझते हैं। बहुत बड़ी सेवा तो मन की सेवा है, जिसे हर भाई-बहन कर सकता है।

    6. हमारा मन और गाय यह एक होना चाहिये। हमारे मन में गाय बस जाय, किसलिये? इसलिये नहीं कि हमको कोई लाभ होगा, पर इसलिये कि अगर विश्व में गाय है तो सात्विक प्राण, सात्विक बुद्धि और दीर्घायुवाली बात पूरी हो सकती है।

    7. केवल इसी बात को लेकर कि हमारी संस्कृतिमें गाय है, हमारे धर्म में गाय है, यह सब तो है ही, लेकिन मेरा विश्वास है कि गायका और मनुष्यके प्राणों का बहुत ही घनिष्ट सम्बन्ध है। गाय मानवीय प्रकृति से जितनी मिल-जुल जाती है, उतना और कोई पशु नहीं मिल पायेगा।

    8. बच्चेके मरनेका जितना शोक होता है और उसके पैदा होनेपर जितना हर्ष और उत्सव होता है, वैसे ही गायके मरने और पैदा होनेपर शोक और हर्ष होता था, यह हमने बचपन में देखा था।



    9. जिस गाय का बच्चा मर जाय उसका दूध नहीं पीते थे।आज तो बच्चा मारकर ही दूध निकालते हैं।

    10. गाय जितनी प्रसन्न होती है,उतने ही उसके दूध में विटामिन्स उत्पन्न होते हैं और गाय जितनी दु:खी होती है, उतना ही दूध कमजोर होता है।

    11. मेरी हार्दिक इच्छा है कि कोई घर पर ऐसा न हो, जिसमें गाय न हो; गाय का दूध न हो। हर घर में गाय हो और गाय का दूध पीने को मिलना चाहिये। गाय ने मानवबुद्धि की रक्षा की है।

    12. बेईमानीका समर्थन करना और उससे एक-दूसरेपर अधिकार जमाना, यह बढ़ता जा रहा है । इसका कारण है कि बुद्धि सात्विक नहीं है, बुद्धि सात्विक क्यों नहीं? कारण मन सात्विक नहीं है । मन सात्विक क्यों नहीं? कारण शरीर सात्विक नहीं है। शरीर सात्विक नहीं है, तो इसका कारण? आहार सात्विक नहीं है।

    13. मैं आपसे निवेदन करना चाहता था कि सचमुच जितना आपलोग गाय के सम्बन्धमें जानते हैं, उसका हजारवाँ हिस्सा भी मैं नहीं जानता हूँ, लेकिन क्या सचमुच आपलोग गाय के साथ मातृ-सम्बन्ध जोड़नेके लिए राजी हैं? अगर हाँ, तो हमारा बेड़ा पार हो जायगा।

    14. जो लोग सेवा करना चाहते हैं--वे कैसे हैं, इस बातपर जोर डालिये। समाज क्या करता है, राज्य क्या करता है, कुछ लोग देते हैं कि नहीं, वह गौण है। मुख्य बात यह है कि अपने दिलमें गायके प्रति पीड़ा होती है कि नहीं?

    15. गाय हमारी ही नहीं, मानवसमाजकी माँ है, सारे राष्ट्रकी और सारे विश्वकी माँ है। गायकी रक्षा होती है तभी प्रकृति भी अनुकूल होती है, भूमि भी अनुकूल होती है। गायकी सेवा होनेसे भूमिकी सेवा होती है और भूमि स्वयं रत्न देने लगती है।

    16. जैसे-जैसे आप गोसेवा करते जायँगे, वैसे-वैसे आपको यह मालूम होता जायगा कि गाय आपकी सेवा कर रही है। आपको यह लगेगा कि आप गाय कि सेवा कर रहे हैं तो गाय हर तरह से स्वास्थ्य की दृष्टिसे, बौद्धिक दृष्टिसे, धार्मिक दृष्टिसे आपकी सेवा कर रही है।

    17. हम सच्चे सेवक होंगे तो हमारी सेवा होगी, हमारी सेवाका मतलब मानवजातिकी सेवा होगी, मानवमात्रकी सेवासे ही सब कुछ हो सकता है। मानव जब सुधरता है तो सब कुछ सुधरता है और मानव जब बिगड़ता है तो सब कुछ बिगड़ जाता है।

    कल्याण भाग 84 पृष्ट 638 से

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  91. http://swamisharnanand.blogspot.com/2011/01/need-and-importance-of-cow.html

    जवाब देंहटाएं
  92. बहुत अच्छा संदेश दिया है आपने और एक अच्छी और मानवता से भरी अपील

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  93. आदरणीय दीपक बाबाजी और आर जे नरेन्द्रजी
    पोस्ट की सराहना करने के लिए आपका आभार और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा….. धन्यवाद. सवाई

    जवाब देंहटाएं
  94. आदरणीय आपका जी आपने जो लिक दिया उस पर में गया था आपने जो जानकारी उसके लिए आपका धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  95. योगेन्द्र जी आपको माँ वेश्नो देवी जाने का मोका मिला देख कर बहुत ख़ुशी हुई। आपकी यात्रा मंगलमय हो शुभकामनाये!

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  96. बहुत अच्छा प्रयास है आपके बधाई हो आपको इसके लिए महर्षि दयानंद जी ने इस दिशा में बहुत कोशिश भी की थी कृपया उनकी पुस्तक गो करूणानिधि भी पढ़ें

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  97. आदरणीय मदन शर्माजी में हर्षि दयानंद जी की ये पुस्तक "गो करूणानिधि "जरुर कोसिद करुगा और आपने जो जानकारी उसके लिए आपका धन्यवाद.

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  98. हमेशा ही लोगों को सोचना चाहिए की आखिर हमें क्या मिलता है इन जानवरों को मार कर खाने और जानवरो को तो बहुत तकलीफ होती है और लोगों को सोचना चाहिए और मांसाहार छोड़ कर शाकाहारी बने ऐसी कामना करता हु!

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  99. आपको भी हिंदी नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें ईश्वर से यही प्रार्थना है की आने वाला वर्ष आपके लिए खूब सारी खुशियाँ लाये

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  100. हाय!
    क्या हो रहा है मैं अपना पुराना बलोग बदल गया है?
    आप नीचे मेरी नई टिप्पणी है

    और Plz मुझे एक नई टिप्पणी दे आपकी याद आती है.

    मेरा नया बलोग है ... ..
    .
    .
    .
    .
    .
    .http://smshindi-smshindi.blogspot.कॉम

    "आगे "

    दम हैं नई टिप्पणी दे


    मिस करने के लिए...............आपका सोनू

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  101. मेरी लड़ाई Corruption के खिलाफ है आपके साथ के बिना अधूरी है आप सभी मेरे ब्लॉग को follow करके और follow कराके मेरी मिम्मत बढ़ाये, और मेरा साथ दे ..

    जवाब देंहटाएं
  102. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  103. हिंदी का नया साल की बधाई व् शुभकामनाये

    जवाब देंहटाएं
  104. नवसंवत्सर २०६८ की हार्दिक शुभकामनाएँ|

    जवाब देंहटाएं
  105. गौ हत्या रोकने हेतु आपका प्रयास सराहनीय है.......सार्थक लेखन के लिए बधाई...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें..

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  106. आद.अनिल जी वैसे आपका बहुत दिनों पश्चात एक्टिवे लाइफ पर आगमन हुआ और पोस्ट की सराहना करने के लिए आपका आभार और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा…..

    ऐसी बेरुखी अच्छी नही भाईजी ....सवाई

    जवाब देंहटाएं
  107. आदरणीय संध्या शर्माजी पोस्ट की सराहना करने के लिए आपका आभार और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा…..

    ....सवाई

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  108. चक दे इंडिया हम ही जीत गए

    भारत के विश्व चैम्पियन बनने पर आप सबको ढेरों बधाइयाँ और आपको एवं आपके परिवार को हिंदी नया साल(नवसंवत्सर2068)की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!

    ....सवाई

    जवाब देंहटाएं
  109. भाई जान देश में गो हत्या करने के खिलाफ कानून बना हे और इसे रोकने के लियें इस काम में लिप्त लोगों को दण्डित करवाने के लियें अभियान चलाना होगा हम सब आपके साथ हें गो हत्या पाप हे ललल्ललल अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

    जवाब देंहटाएं
  110. प्रिय सवाई सिंह जी
    आपका ये पोस्ट ब्लॉग नगरी की सबसे अहम् पोस्ट है| मैं आप के साथ हूँ |
    "गौ हत्या" वाकई में एक प्रमुख मुद्दा है| इसे मुद्दे को संसद में उठानी चाहिए| ये गाँधी जी का देश है यहाँ सत्य और अहिंसा की पूजा होती है|
    मेरे समझ से सिर्फ गौ हत्या करने वाला ही गलत नही बल्कि इस पर आवाज नही उठाने वाला भी उतना ही गलत है|
    www.akashsingh307.blogspot.com

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  111. आदरणीय अख्तर खान अकेला जी
    देश में गो हत्या करने के खिलाफ कानून बना है लेकिन पालन नहीं होता और हत्या करने वाले लोगों को दण्डित करवाने के लियें अभियान चलाना बहुत जरुरी है आपका आभार और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा…..

    जवाब देंहटाएं
  112. आद.आकाश सिंहजी
    आपने बिलकुल ठीक कहा "गौ हत्या" वाकई में एक प्रमुख मुद्दा है|इसे मुद्दे को संसद में उठानी चाहिए|ये गाँधी जी का देश है यहाँ सत्य और अहिंसा की पूजा होती है " लेकिन आज लोग इसे मुद्दे को उठाना नहीं चाहते और कुछ लोग आवाज उठाते है तो उसको भी चुप करवा दिया जाता है और पोस्ट की सराहना करने के लिए आपका आभार और शुक्रिया और आपका सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा….. ...सवाई

    जवाब देंहटाएं
  113. आप बहुत सार्थक और प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं।

    यह नवसंवत्सर आपके जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्रदान करे ।

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    उत्तर
    1. आपका आभार इस पोस्ट पर अपनी राय दी हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!

      हटाएं
  114. आदरणीयडॉ वर्षा सिंह जी


    विवेक वीके जैनजी(V!Vs)

    आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत धन्यवाद और आभार.....
    और आगे भी इसी प्रकार सहयोग देते रहिएगा आपका सवाई सिंह

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  115. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

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  116. इस चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हमारा नव संवत्सर शुरू होता है इस नव संवत्सर पर आप सभी को हार्दिक शुभ कामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  117. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  118. वैसे आपको पढ़ के बहुत अच्छा लगा काफी दिनों के बाद

    अच्छी प्रस्तुति

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    उत्तर
    1. आपका आभार इस पोस्ट पर अपनी राय दी हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!

      हटाएं
  119. भगवान महावीर जयंती पर आपको भी हार्दिक शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  120. सबसे पहले मैंने आने में जरा देर कर दी इसके लिए माफ़ी चाहूँगा सवाई भाई

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  121. सवाई भाई आशा हैं आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और गो माता के प्रति लोगोका नजरिया जरुर बदलेगा

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    उत्तर
    1. आपका आभार इस पोस्ट पर अपनी राय दी हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!

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  122. बेनामी5:16 pm, मई 14, 2011

    इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

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  123. जय रघुनाथ जी री सा
    सवाईसा आपरो बहुत बङो प्रयास है और हम सब आपके साथ है

    जवाब देंहटाएं

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