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शनिवार, अप्रैल 23

रिश्ते By एस एम सीरीज 3

आज कल हम रिश्ते इतने जल्दी बना लेते हैं कि बाद में हमें पछताना पड़ता है सिर्फ अपनों के होने से कुछ नहीं होता बल्कि उन अपनों में अपनेपन का एहसास भी होना बहुत जरूरी है आजकल हम लोग रिश्ते इस तरीके से बनाते हैं जब तक काम हो उनका उसके बाद वह आपको छोड़ कर चले जाते हैं जीवन में अधिकतम हमने ऐसा ही देखा है शायद ऐसा मेरे साथ हुआ है ओर शायद आपके साथ भी हुआ होगा। हम लोग जिंदगी में सिर्फ एक ही गलती करते हैं और वह है भरोसा हम सस्ते लोगों पर भरोसा कर बैठते हैं जिस प्रकार हम कपड़े ब्रांडेड पहनते हैं ना उसी प्रकार रिश्ते भी ब्रांडेड ही बनाई है उनकी टिकने की गुंजाइश ज्यादा होगी।

"चाहना आसान है पर चाहते रहना कठिन है।"


अकेलेपन का डर उसी को होगा जो कभी अकेला नहीं रहा होगा जनाब उनको हम बता देना चाहते हैं कि मेरी एक चौथाई जिंदगी अकेलेपन में ही निकल गए अब तो हमें किसी के साथ से डर लगता है अकेलेपन से नहीं। मेरा मानना है कि रोज-रोज किसी चीज के लिए अपने आपको परेशान करने से अच्छा है कुछ दिन उस चीज के लिए परेशान हो जाए ताकि बाद में हम उसे भूल सके हमारी जिंदगी में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब हमारे प्रिय हमें छोड़ कर चले जाते हैं और हम उनका शौक बनाते हैं हालांकि ऐसा करना थोड़ा कठिन जरूर होता है पर नामुमकिन नहीं आप ट्राई करिए ऐसा जरूर कर पाएंगे आज के लिए इतना ही फिर मिलता हूं रिश्ते की अगली कड़ी के साथ... 

और चलते चलते आज का अनमोल विचार 

अपनी दो ही चीजें है,  एक ईश्वर,  दूसरा हमारा कर्म !!

अगर विश्वास नहीं है तो आजमा के देख लो !

आपका सवाई सिंह राजपुरोहित एस.एम सीरीज 3 से


बुधवार, अप्रैल 20

हीरों मेघवाल बाड़मेर आप जैसी बेटियों पर हमें गर्व है

 बाड़मेर के रावतसर गांव की एक प्रतिभा की संघर्ष भरी कहानी..

बचपन में पिता का साया उठ गया मां ने भी साथ छोड़ा दादा ने साथ दिया तो हीरों मेघवाल बन गई शिक्षिका। रीट में प्रदेश में एससी वर्ग में 134 वां स्थान हासिल कर लिया।

दोस्तों घर के हालात अपनी आँखों से देखा पर बेटी रुकी नहीं और हालातों से झुकी नहीं.. ग़रीबी तो दुश्मन थी ही बचपन मे माता व पिता दोनों ही इस दुनिया से चल बसे😞 पर बेटी ने हार नहीं मानी.. आखिर पहुंच गयी मुकाम पर और बन गईं अध्यापिका. छु लिया आसमान शाबाश बेटा।

दादा दादी ने पशुपालन करके पढ़ाया इस बेटी को बताते हैं 12वीं क्लास तक घर में रोशनी के नाम पर कुछ नहीं था बिटिया भी इसका श्रेय अपने दादा दादी को देती है टीम सुगना फाउंडेशन की ओर से बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं प्यारी बिटिया को... 

किसी ने ठीक ही कहा है जरूरी नहीं घर चिराग़ों से ही रोशन हो, 

मैंने शिक्षा से भी घरों को रोशन होते देखा है

अपने बच्चों को शिक्षा की ओर लें जाओ ...


शनिवार, अप्रैल 16

श्री हनुमान जी महाराज का जीवन हमें सीख देता है

सर्वप्रथम तो आप सभी को बुद्धि, बल, भक्ति, विवेक एवं ज्ञान के भंडार भक्त शिरोमणि हनुमान जी महाराज के मंगलमय पावन प्राकट्य उत्सव की कोटि - कोटि शुभकामनाएं एवं मंगल बधाइयाँ । हनुमान जी महाराज आपके सभी कष्टों को दूर करें ऐसी प्रार्थना प्रभु से करता हूं मैं जब भी संकट में होता हूं या फिर जब भी परेशान होता हूं तो मैं सिर्फ हनुमान जी के भजन को सुनना या हनुमान चालीसा सुनना ज्यादा और मुझे काफी सुकून मिलता है यह बात मेरे साथ में भी बहुत लोग जानते हैं कि मैं परेशान होता हूं तो हनुमान चालीसा ही सुनता हूं जब कभी आपको परेशानी है कुछ भी सीन हो तो आप भगवान जी को याद करें और अपने दिन की शुरुआत करें आज बहुत ही अच्छा दिन है आज मेरे प्रभु का जन्म दिवस है और जो कुछ मैं करता हूं वह उन्हीं की कृपा दृष्टि के कारण ही संभव है और मैं भगवान जी के बस यही प्रार्थना करता हूं कि मेरे हाथों से कभी कुछ गलत ना हो जिसके लिए मुझे अफसोस करना पड़े जिस ईमानदारी के साथ मैं अपना काम कर रहा हूं उसी लगन के साथ में आगे भी करता रहूंगा ।

प्रभु श्रीराम के प्रिय भक्त श्री हनुमान जी का जीवन हमें सीख देता है कि मनुष्य को सदा कृतज्ञ भाव से पर सेवा और परमार्थ में निरत रहना चाहिए। और दूसरों की संकट की घड़ी में आप संकट निवारक बन सको इससे श्रेष्ठ जीवन की उपलब्धि और क्या हो सकती है। आपको भी किसी की मदद करने का मौका मिले तो कभी पीछे मत ना हटे  क्योंकि भगवान ने आपको चुना है इस कार्य के लिए वरना दुनिया में ऐसा कोई कार्य है जिसे भगवान स्वयं ना कर सके। जब कोई मुझसे सहायता मांगता है मैं बिल्कुल हर संभव मदद करने का प्रयास करता हूं। बस सामने वाले की नियति सही हो तो

   महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी।

जो दूसरों को जीते वो वीर और जो स्वयं को भी जीत जाए उसे महावीर कहते हैं। इससे यह बात सिद्ध हो जाती है कि दुनिया को जीतने की अपेक्षा स्वयं को जीतना अति कठिन है।  

जो संकट मोचक है अर्थात संकट के समय दूसरों के लिए सहायक, जो महावीर है अर्थात दूसरों के साथ - साथ स्वयं के ऊपर भी जिसका नियंत्रण है और जो कुमति का निवारण कर सुमति प्रदान करने वाला अर्थात् कुबुद्धि -कुसंग का नाश कर सुबुद्धि - सत्संग प्रदान करने वाला है। यही तो श्री हनुमानजी महाराज के जीवन की प्रमुख सीख है। जिसे हम सब को अपने जीवन में उतारने चाहिए

                                   

शनिवार, अप्रैल 2

भारतीय नववर्ष एवं चैत्र नवरात्री की बधाई एवं शुभकामनाएं...सुगना फाउंडेशन

भारतीय नववर्ष एवं चैत्र नवरात्री की आप को सपरिवार ह्रदय से बधाई एवं शुभकामनाएं।
माता रानी आपको और आपके पूरे परिवार‌ को सुख , समृद्धि,व खुशियों से भर दें।
सॄष्टि रचना प्रारंभ दिवस चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
नव संवत्सर वर्ष 2079 का शुभारंभ , नवरात्र स्थापना ,अक्ष पाद न्याय शास्त्र के प्रणेता महर्षि गौतम का जन्मदिन, गुढी पाडवा, वरूण अवतार श्री झूलेलाल जी, श्री गुरु अंगददेव जी, श्री हेडगेवार जी के जन्म दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें।

सनातन धर्म में भारतीय नववर्ष का अपना अलग ही महत्व है। सुगना फाउंडेशन आप सभी से आग्रह करता हूँ कि अपनी संस्कृति एवं परम्पराओं से जुड़े एवं इस दिन को ऐतिहासिक बनाएं....

🚩जय माता दी 🚩
आपका सवाई सिंह राजपुरोहित 
सुगना फाउंडेशन व हैम्स ओसिया इन्स्टिट्यूट, राजपुरोहित समाज इण्डिया टीम 
   


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सवाई सिंह को ब्लॉग श्री का खिताब मिला साहित्य शारदा मंच (उतराखंड से )