गोमाता का वरदान स्वरुप "गोबर" से देह शुद्धि
हम लोग, आजकल जो आहार लेते है, जल पीते हैं,साँस लेते हैं, उस अन्न, पानी, हवा में प्रदुषण कितना बढ़ गया है, यह हम सब जानते हैं. रासायनिक उर्वरकों,जहरीले कीट नाशकों , कृत्रिम रंगों आदि के कारण अन्न, फल, सब्जी प्रदूषित हो गए हैं, सारे नालो,कारखानों, कत्लखानो का गन्दा पानी नदी में या भूमि में जाता है - फल स्वरुप पानी प्रदूषित हो गया है. जीव हत्या जनित पीड़ा तरंगो, ट्रक, ट्रैक्टर, गाड़ियों ,आदि वाहनों के धुएं से हवा दूषित हो गयी है. जैविक = प्राकृतिक गोबर की खाद से उत्पन्न पौष्टिक, शुद्ध अन्न - फल - सब्जी या तो पहुँच के बहार है या हमें महत्त्व पता नहीं अर्थात हम जागरूक नहीं या हम प्राप्त करने का प्रयास नहीं करते. पानी और हवा के प्रति तो हम और ज्यादा लापरवाह हैं. इस प्रकार हमारे शरीर रूपी पिंड में और पूरी पृथ्वी रूपी ब्रह्माण्ड में प्रदूषित कणों के भंडार बढ़ने लगें हैं. मानव शरीर में होने वाले लगभग सभी रोग इन्ही कारणों से होते है.
हम लोग, आजकल जो आहार लेते है, जल पीते हैं,साँस लेते हैं, उस अन्न, पानी, हवा में प्रदुषण कितना बढ़ गया है, यह हम सब जानते हैं. रासायनिक उर्वरकों,जहरीले कीट नाशकों , कृत्रिम रंगों आदि के कारण अन्न, फल, सब्जी प्रदूषित हो गए हैं, सारे नालो,कारखानों, कत्लखानो का गन्दा पानी नदी में या भूमि में जाता है - फल स्वरुप पानी प्रदूषित हो गया है. जीव हत्या जनित पीड़ा तरंगो, ट्रक, ट्रैक्टर, गाड़ियों
प्रदूषण को निकलने का बहुत सरल उपाय है - गोबर स्नान. गोबर लेपन. गोबर सबसे ज्यादा शुद्धि कारक ( एंटी ओक्सिडेंट ) होता है. आज भी गाँव में घरों या चूल्हे को या यज्ञ स्थल को गोबर से लीप कर शुद्ध किया जाता है. सारे शरीर में गोबर लगा कर थोड़ी देर धुप में उसे सुखा कर स्नान करने से बहुत से जहरीले तत्व, शरीर से निकल जाते हैं. उससे भी श्रेष्ठ उपाय है आप लेट जाएँ, और गोबर की मोटी परत से शरीर को ढक दिया जाये; आधा या एक घंटा इसी प्रकार लेटे रहें, इससे शरीर का सारा जहर ( टोक्सिन) गोबर सोख लेगा. एवं आपकी देह शुद्ध हो जाएगी. ध्यान रहे गोबर देशी गोवंश का ही होना चाहिए. ऐसी सुविधा किसी गोशाला में संभव है जहाँ केवल देशी गोवंश ही हो. महीने में एक बार इस प्रकार देह शुद्धि करने से आपकी अनमोल देह ज्यादा स्वस्थ रहेगी,ज्यादा तनाव रहित रहेगी, साथ ही दीर्घायु होगी!
यह सुविधा राउरकेला की शोधन - गोकुल गुरुकुल में उपलब्ध है.
इच्छुक व्यक्ति संपर्क करे : आचार्य संजय पंडा - ९४३७५८०५८९,९८५३३४७५८७
आभार
डॉ.एम.पी.सिंह
अनुपस्थिति के लिए क्षमा.. सवाई सिंह राजपुरोहित
आप सबका तहे दिल से शुक्रिया मेरे ब्लॉग पे आने के लिए और शुभकामनाएं देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद/शुक्रिया..
डॉ.एम.पी.सिंह
अनुपस्थिति के लिए क्षमा.. सवाई सिंह राजपुरोहित
आप सबका तहे दिल से शुक्रिया मेरे ब्लॉग पे आने के लिए और शुभकामनाएं देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद/शुक्रिया..