हेलो मेरे प्यारे पाठको और प्यारे दोस्तों आप सब कैसे हैं आशा करता हूं आप सभी अच्छे होंगे आज की जो तस्वीर मैं आपके साथ साझा करने जा रहा हूं वह एक ट्रैफिक पुलिस वाले की जिन्होंने इंसानियत का परिचय दिया है कई बार हमारे आसपास में ऐसी घटनाएं होती है जिससे हम सब को प्रेरणा लेनी चाहिए होती है पर हमें भी कुछ ऐसा करने का प्रयास करना चाहिए इस पोस्ट को करने का एकमात्र उद्देश्य मेरा यही है कि कोई एक तो इससे प्रेरणा जरूर लेगा।
जल रही है जमीं जरा अपना खयाल रख।
जूते है मेरे पास,आ तू मेरे पांव पर पांव रख।
तस्वीर पता नहीं कहां की है, लेकिन इस ट्रैफिक पुलिस रंजीत सिंह ने अपनी इंसानियत का परिचय जरूर दे दिया, ये गरीब बच्चे भरी दोपहरी में नंगे पांव थे और सड़क पार नहीं कर पा रहे थे,जब तक सड़क खाली नहीं हुई, तब तक इस पुलिस वाले ने उनके नंगे पैरों को अपने जुत्तो पर खड़े रखा, और बाद में इनको चप्पल भी दिलवाई ! सोशल मीडिया पर इस ट्रैफिक अधिकारी को खूब वाह वाही मिल रही है ! सच में सैल्यूट रंजीत सिंह सर
क्या लिखा इन्होंने अपनी सोशल मीडिया पर
ट्रैफ़िक पुलिस के इस सिपाही का नाम रंजीत सिंह है। 2 बच्चे रोड क्रॉस कर रहे थे सिग्नल बंद था बच्चे के पाँव जल रहे थे। बच्चे ने कहा- सर पाँव जल रहे हैं, रोड क्रॉस करवा दो, रंजीत ने कहा- जब तक ट्रैफ़िक रुकता नहीं मेरे पैर पर पैर रख लो”
सिपाही रंजीत सिंह ने अपने फ़ेसबुक पर लिखा है- जैसे ही उस बच्चे ने मेरे पैरों पर पाँव रखा, मुझे ऐसा लगा जैसे भगवान ने मेरे ऊपर पाँव रख दिए। मैंने चप्पल ख़रीद के दे तो दीं पर आज का ये अहसास ज़िंदगी भर याद रहेगा..!
प्रिय पाठकों मैं चाहता हूं आप इस इंसानियत को पहचाने
“अपने आसपास घट रही छोटी-छोटी घटनाओं से प्रेरणा व सकारात्मकता की उर्जा फैलाए और समाज और लोगों के बीच एक प्रेरणादायक संदेश आप पहुंचाने का प्रयास करें ।
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (24-5-22) को "ज्ञान व्यापी शिव" (चर्चा अंक 4440) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय कामिनी जी हमारी पोस्ट को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए
हटाएंवाकई बहुत ही सराहनीय काम किया ..सभीअपने आसपास गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें तो धरती ही स्वर्ग बन जाय।
जवाब देंहटाएंसिपाही रंजीत सिंह की इस दरियादिली से दिल पसीज गया कि जिन्हें हम कठोर समझते हैं वो भी एक नन्हा सा दिल रखते हैं..बहुत खूब
जवाब देंहटाएंसच अपने और अपनों के लिए तो सभी दिन रात करते रहते हैं लेकिन यदि किसी जरूरतमंद की मदद कर लो तो उससे मिलने वाला सुकून कहीं और नहीं मिलता है, यह सर्वथा सत्य है। ऐसे ही लोगों से समाज में इंसानियत जिन्दा है, वर्ना आज का समय जहाँ देखो वहां सिर्फ मेरा-मेरा का हायतौबा फैला हुआ है।
जवाब देंहटाएंअनुकरणीय व प्रेरक प्रस्तुति