हजारों दीपक चाहिए आरती सजाने के लिए। हजारों बूंदें चाहिए समूद्र बनाने के लिए। हजारों फूल चाहिए माला बनाने के लिए। पर एक अकेली बहन ही काफी है किसी की जान बचाने के लिए।
बहन के हौसले को दाद देता हूँ मेरे पास शब्द नहीं है बहन निशा ने ऐसा कार्य किया हे कभी मिले मौका तो बहन जरूर मिलूँगा आपसे ऐसे नेक कार्य करते रहिए ओर अपनी शिक्षा की ताकत को दिखाते रहिए... शौर्य प्रताप उर्फ सवाई सिंह राजपुरोहित
चलती ट्रेन में प्रसव करवाने वाली निशा चौधरी को सरकार की तरफ से पुरस्कार मिलना चाहिए। और इस प्रेरणादायक कहानी को पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित करना चाहिए जिससे और लोग भी प्रेरणा लें और ऐसा करने का प्रयास करें कोशिश कीजिए की दिशा भावना से आप जन सेवा के कार्य करिए आपका सेवा का फल हमेशा आपको मिलेगा टीम सुगना फाऊंडेशन
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