आपका स्वागत "एक्टिवे लाइफ" परिवार में..........

आपका एक्टिवे लाइफ में स्वागत है

* आपका एक्टिवे लाइफ में स्वागत है * "वन्दे मातरम्" आपके सुझाव और संदेश मुझे प्रोत्साहित करते है! आप अपना सुझाव या टिप्पणि दे!* मित्रो...गौ माता की करूँ पुकार सुनिए और कम से कम 20 लोगो तक यह करूँ पुकार पहुँचाईए* गौ ह्त्या के चंद कारण और हमारे जीवन में भूमिका....

शुक्रवार, जुलाई 3

आगरा में 12 नए केस और आ गए हैं। शहर में कुल कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1253 पर आ चुका

आगरा में आज 12 नए केस और आ गए हैं। शहर में कुल कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1253 पर आ चुका है। वहीं तीन और लोगों के स्‍वस्‍थ होने से ठीक होने वालों की संख्‍या 1034 हो चुकी है। गुरुवार को शाहगंज निवासी 47 वर्षीय व्‍यक्ति की मौत होने कोरोना वायरस से अब तक शहर में 89 लोगों की मृत्‍यु हो चुकी है। इससे पहले बुधवार को दिनभर में 14 मामले आए थे।

वर्तमान में 130 एक्टिव केस शहर में हैं। गुरुवार शाम तक 24054 लोगों के सैंपल हो चुके हैं, इससे पहले बुधवार तक 23509 लोगोंं की जांच हुई थी। आगरा में ठीक होने वाले लोगों की दर 82.52% पर आ गई है।

गुरुवार, जून 4

वो बेजुबान थी, भूखी थी, प्यासी थी, गर्भवती थी

वो बेजुबान थी, वो भूखी थी, प्यासी थी, गर्भवती थी..,
इंसान ने इंसानियत को ही मार डाला...!

😡 केरल में क्रूरता बसती है वहां के इंसानो के दिलों में दया नहीं है इंसानों के रुप में कुछ शैतानो ने पटाखों से भरा अनानास खिलाकर उसके मुंह को जला दिया दर्द से पीड़ा सहन करती हुई वह पास के ही एक तालाब में जा गए अपने दर्द को कम करने के लिए और इसी पानी में उसकी जान चली गई और साथ में उसके गर्भ में पल रहे उसके छोटे बच्चे की भी जान चली गई। समाज में किस प्रकार के जाहिल लोग हैं इसका अनुमान आप खुद लगाइए.. पटाखों से भरा अनानास खिलाने की क्रूरता करने वालों को खोज कर उन पर हत्या का मामला दर्ज करना चाहिए .. प्रकृति उन्हें उसकी सजा शीघ्र ही देगी लेकिन केरल राज्य की सरकार से निवेदन है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए यहा तक फांसी पर लटकाया जाए तो भी काम होगा.... सुगना फाउण्डेशन 

मंगलवार, जून 2

समय का खेल भी बड़ा निराला है भूख लाई थी शहरों में भूख ले जा रही है।

समय का खेल भी बड़ा निराला है भूख लाई थी शहरों में भूख ले जा रही है वापस गांव की तरफ ..... सवाई सिंह
 
आज 2 जून है और हम सब 2 जून की रोटी की तलाश में इस संसार में इधर से उधर भाग रहे हैं इस पेट की भूख को शांत करने के लिए कहीं नौकरी की तलाश है ताकि हमारा घर चल सके और घर में रहने वाले परिवार के सदस्य 2 जून की रोटी खा सकें और 2 जून की रोटी की तलाश में हमें कब अपने घरों से दूर जाना पड़ा हमें खुद को पता नहीं चला लेकिन इस कोरोना वायरस कारण जो मानव जाति पर जो संकट आया है हम लोगों ने भूख के कारण जिस गांव छोड़ दिया आज उसी भूख के कारण हमें वापस अपने गांव जाने पर मजबूर कर दिया ऐसे हजारों मजदूर भाई है जो वापस अपने गांव के जाने के लिए मजबूर हो गए हैं कहीं कोई पैदल जाने के लिए कोई ट्रेन में धक्के खा रहा है तो कोई बसों में इस समय का पहिया का कोई भरोसा नही कब पलट जाए कोई भरोसा नहीं।

ऊपर वाले से बस इतनी सी दुआ है कि जो यह हालात है वह हालात जल्द ही ठीक हो जाए और हम जैसे और मजदूर भाइयों की स्थिति में वापस को सुधार हो सके ऐसी दया करना ताकि मानव जाति सुकून से जी सकें..... सुगना फाउण्डेशन परिवार

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

लिखिए अपनी भाषा में

सवाई सिंह को ब्लॉग श्री का खिताब मिला साहित्य शारदा मंच (उतराखंड से )