करुणा ही सृष्टि का आधार है, जब जब धरती से करुणा, दया, सहयोग की जितनी मात्रा मनुष्य कम करेगा उसे कुदरत के कोप का शिकार भी उतनी मात्रा में होना पड़ेगा।
इसलिए मनुष्य को इस प्रकार के कार्य सदैव करते रहना चाहिए प्रेम के लिए रुतबा नहीं सिर्फ एक छोटा सा दिल ही काफी है यह फोटो मैंने फेसबुक पर देखा सोचा आप लोगों के साथ शेयर करूं
बहुत खूब कहा, यही इंसानियत है, सच्ची बात है
जवाब देंहटाएंJyoti ji Shukriya blog per visit karne ke liye aur Yaha apni pratikriya dene ke liye
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